बिजिंग। चीन की धमकियों के बाद ताइवान ने गुयाना में व्यापार कार्यालय स्थापित करने का फैसला वापस ले लिया है। ताइवान ने चीन के हस्तक्षेप को इसके लिए जिम्मेदार बताया। ताइवान के इस फैसले को 24 घंटे पहले तक राजनयिक जीत के तौर पर देखा जा रहा था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना की सरकार पर दबाव डाला, जिसके चलते काफी प्रयासों के बावजूद समझौते को अमल में नहीं लाया जा सका। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”हमारी सरकार इस पर गहरा खेद प्रकट करती है। चीन ताइवान को अलग-थलग करने और इसके अंतरराष्ट्रीय दायरे को सिकोड़ने के प्रयास कर रहा है।”