म्यांमार में तख्तापलट का अमेरिका ने किया विरोध, आंग सान सू की गिरफ्तारी पर जताई कड़ी आपत्ति

म्यांमार में तख्तापलट का अमेरिका ने किया विरोध, आंग सान सू की गिरफ्तारी पर जताई कड़ी आपत्ति

लॉस एंजलिस। म्यांमार की सेना ने एक बार फिर से लोकतंत्र को शर्मसार करते हुए यहां की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को हिरासत में लेकर नजरबंद कर लिया लिया है। सरकार और सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद सेना ने आंग सान सू की और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ लोगों को सुबह हिरासत में ले लिया जिससे यहां तख्तापलट के चलते खलबली मच गई है।

म्यांमार की नेता आंग सान सू की के हिरासत में लिए जाने पर अमेरिका की ओर से पहला बयान सामने आया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा है कि अमेरिका, म्यामांर(बर्मा)की सेना द्वारा आंग सान सू की और अन्य नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी सहित देश के लोकतांत्रिक शक्तियों को कम करने के लिए कदम उठाने वाले कदमों से चिंतित है।

उन्होंने बताया कि अमेरिका NSA द्वारा राष्ट्रपति बिडेन को इसकी जानकारी दी गई है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा कि हम म्यांमार की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि करते हैं और हमारे क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ समन्वय में, सैन्य और अन्य सभी दलों से लोकतांत्रिक मानदंडों और कानून के शासन का पालन करने और आज हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आग्रह करते हैं।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने आगे कहा कि अमेरिका ने हाल के चुनावों के परिणामों को बदलने के लिए किसी भी प्रयास का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के लोकतांत्र को बाधित करने के लिए उठाए गए इन कदमों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और हम म्यांमार के लोगों के साथ खड़े हैं।

बता दें कि म्यांमार स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के एक सलाहकार ने कहा है कि देश में सेना की ओर से तख्तापलट के बाद राजधानी नेपिडॉ में इंटरनेट और फोन सेवा बंद कर दी गई है। 10 साल पहले डेमोक्रेसी सिस्टम अपनाने वाले म्यांमार में दोबारा सैन्य शासन लौट आया है। देश में एक साल के लिए इमरजेंसी लगा दी गई है।

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