नेपाल में मंत्रिमंडल के विस्तार से खत्म नहीं हुईं प्रधानमंत्री दहल की सियासी मुश्किलें

नेपाल में मंत्रिमंडल के विस्तार से खत्म नहीं हुईं प्रधानमंत्री दहल की सियासी मुश्किलें

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार तो कर लिया, लेकिन इससे उनकी राजनीतिक मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है। मंत्रिमंडल विस्तार में अनदेखी से नाराज एक दल ने सरकार से खुद को अलग करने का एलान किया है, जबकि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का एक प्रमुख धड़ा असंतुष्ट हो गया है।

बतौर प्रधानमंत्री दहल ने पिछले तीन महीनों में सातवीं बार मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। पिछले महीने नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में लौटने के बाद दूसरी बार उन्होंने मंत्रिमंडल को आकार दिया है। इसके पहले दहल दिसंबर में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के नेतृत्व वाले गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री बने थे।

जिन नए मंत्रियों को नए राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शपथ दिलाई, उनमें चार नेपाली कांग्रेस के हैं। नेपाली कांग्रेस मंत्रिमंडल में अपने कोटे के सभी मंत्रियों के नाम नहीं भेज पाई। बताया जाता है कि ऐसा पार्टी के अंदर गहरा मतभेद पैदा हो जाने के कारण हुआ। वरिष्ठ नेता शेखर कोइराला और पार्टी महासचिव गगन थापा के नेतृत्व वाला धड़ा मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया से नाराज हो गया है। उसने अपने कोटे के मंत्रियों ने नाम नहीं भेजे।   

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