काबुल। तालिबान ने मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों का ऐलान किया है। खास बात यह है कि संगठन ने किसी समय तालिबान के कट्टर विरोधी रहे गुल आगा शेरजई को वित्तमंत्री नियुक्त किया है। शेरजई पहले कंधार और फिर नंगरहार के गवर्नर रहे हैं।
तालिबान के खिलाफ लड़ाई में वे CIA के प्रमुख सहयोगी थे। उन्हें तालिबान का कसाई भी कहा जाता है। कंधार का गवर्नर रहते हुए उन्होंने तालिबान के सफाए में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने नंगरहार का गवर्नर रहते हुए सड़क निर्माण कार्य किए थे, जिसकी वजह से उन्हें अफगानिस्तान का बुलडोजर कहा जाता है।
कुछ दिन पहले ही शेरजई ने तालिबान के प्रति निष्ठा की कसम खाई थी। वे अफगानिस्तान के ऐसे बड़े नेताओं में हैं, जो पहले तालिबान के कट्टर विरोधी थे, लेकिन अब तालिबान के साथ हैं।
सद्र इब्राहिम को अंतरिम गृह मंत्री बनाया
तालिबान ने मुल्ला सखाउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा मंत्री और अब्दुल बारी को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया है। सद्र इब्राहिम को अंतरिम गृह मंत्री बनाया गया है और गुल आगा को वित्त मंत्री बनाया है। वहीं, मुल्ला शिरीन को काबुल का गवर्नर और हमदुल्ला नोमानी को काबुल का मेयर बनाया गया है।
अफगानिस्तान से अपना प्लेन हाईजैक होने की बात से पलटा यूक्रेन
यूक्रेन ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अपना विमान हाईजैक किए जाने की खबर को नकार दिया है। इससे पहले रूस की न्यूज एजेंसी तास ने यूक्रेन के उप विदेश मंत्री येवगेनी येनिन के हवाले से कहा था कि हथियारबंद लोगों ने यूक्रेन के नागरिकों को अफागानिस्तान से बाहर निकाल रहे प्लेन को हाईजैक कर लिया है और इसे ईरान की तरफ ले जाया गया है। इसके बाद ईरान ने प्लेन हाईजैक की खबर का खंडन किया था। उसका कहना था कि प्लेन ईंधन भरवाने के लिए ईरान के मशहद शहर आया था।
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री बोले- विमान में हमारे लोग नहीं
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री येनिन ने बताया, ‘रविवार को कुछ लोगों ने हमारा प्लेन हाईजैक कर लिया। मंगलवार को इसे अज्ञात यात्रियों के साथ ईरान ले जाया गया है, इसमें यूक्रेन के वे लोग नहीं हैं, जिन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए हमने विमान भेजा था। अपने लोगों को निकालने की हमारी अगली तीन कोशिशें भी नाकाम रही हैं, क्योंकि हमारे लोग काबुल एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाए।’
तालिबान ने गजनी का एंट्री गेट क्रेन से तोड़ा
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान अब वहां की हेरिटेज साइट्स को निशाना बना रहा है। अफगानिस्तान के हालात पर नजर रख रहे लोगों के ट्टिवर अकाउंट से शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि तालिबानियों ने गजनी प्रांत के एंट्री गेट को क्रेन से तोड़ दिया है। ये गेट इस्लामी साम्राज्य की स्थापना की याद में बनाया गया था।
दूसरी तरफ खबर है कि तालिबान ने एक और इलीट यूनिट बनाई है, जिसका नाम विक्ट्री फोर्स या ‘फतह’ रखा है। तालिबान के हाथ लगे अमेरिकी हथियारों और सैन्य उपकरणों से इस फोर्स को लैस किया गया है। फिलहाल इसकी यूनिट को काबुल में तैनात किया गया है।
अमरुल्लाह सालेह का दावा- तालिबान बच्चों को ढाल बना रहा
पंजशीर की अंदराब घाटी में पंजशीर के लड़ाके तालिबान से जंग लड़ रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह ने कहा है कि तालिबान ने अंदराब घाटी में खाने और ईंधन की सप्लाई रोक दी है। यहां स्थिति बेहद खतरनाक है। हजारों महिलाओं और बच्चों को पहाड़ों की तरफ भागना पड़ा है। पिछले दो दिनों से तालिबान के लोग बच्चों और बुजुर्गों को अगवा उन्हें अपनी ढाल बना रहे हैं।
अंदराब में तालिबान और अफगान फौज में भीषण लड़ाई; 50 तालिबानी ढेर
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से बचे एकमात्र पंजशीर में लड़ाई खतरनाक मोड़ पर जाती दिख रही है। पंजशीर घाटी अफगानिस्तान के उन चंद इलाकों में है, जहां अभी तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है। पंजशीर से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि अंदराब में हुई लड़ाई में 50 से ज्यादा तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं और 20 से ज्यादा लड़ाकों को बंधक बनाया गया है।
काबुल से 78 लोग भारत पहुंचे, गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियां भी आईं
अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बीच काबुल से भारतीयों को सुरक्षित निकालने का सिलसिला जारी है। इसे ऑपरेशन देवी शक्ति नाम दिया गया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि इस मिशन के तहत आज 78 लोगों को लेकर एयर इंडिया का AI-1956 विमान तजाकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे से दिल्ली पहुंचा है। इनमें 25 भारतीय नागरिक और 46 अफगानी सिख भी शामिल हैं। इस विमान में काबुल के गुरुद्वारों से निकाले गए तीन गुरु ग्रंथ साहिब भी लाए गए हैं। इन गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को संभालने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वी मुरलीधरन और BJP नेता आरपी सिंह पहुंचे थे जो गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर रखकर एयरपोर्ट से बाहर लाए। गुरु ग्रंथ साहिब की इन प्रतियों को दिल्ली के एक गुरुद्वारे में रखा जाएगा।