नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू देते हुए कहा, ‘BCCI में कुछ लोग मुझे और भरत अरुण को कोच के रूप में नहीं देखना चाहते थे। आप देखिए चीजें किस तरह से बदली हैं। जिसे वो गेंदबाजी कोच नहीं बनाना चाहते थे, वो भारत के सबसे शानदार गेंदबाजी कोच बने। मैं किसी एक इंसान का नाम नहीं ले सकता, लेकिन मैं ये पक्के तौर पर बता सकता हूं कि इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि मुझे कोच का पद न मिले।’
बता दें कि शास्त्री को 2017 में टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था। उससे पहले 2014 से 2015 के वर्ल्ड कप तक वो टीम के डायरेक्टर थे। इसी दौरान उनके साथ साजिश शुरू हुई थी। वर्ल्ड कप के बाद शास्त्री को हटा दिया गया था।
डंकन फ्लेचर के बाद माना जा रहा था कि वो टीम के हेड कोच बनेंगे, लेकिन अनिल कुंबले को टीम का कोच बना दिया गया। कुंबले के हटने के बाद शास्त्री फिर टीम इंडिया के कोच बने।
मुझे बहुत दुख हुआ था
रवि शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया कोई भी ICC ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाई। 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई। वहीं, 2019 के वनडे विश्व कप में भारतीय टीम को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
शास्त्री ने आगे कहा, ‘मुझे दुख हुआ था जिस तरह से मुझे टीम से हटाया गया वो सही नहीं था। मुझे टीम से बाहर करने के बेहतर तरीके हो सकते थे। जब मैं टीम को छोड़ कर गया था तो वह अच्छी स्थिति में थी। मेरे दूसरे कार्यकाल में मैं काफी विवादों के बाद आया था। जो लोग मुझे बाहर रखना चाहते थे। ये उनके मुंह पर करारा तमाचा था।’