नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने 2,148 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और इस सिलसिले में देश भर में 10 स्थानों पर छापे मारे हैं। पहला मामला, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मुंबई की एक निजी फर्म उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड और उसके निदेशक-सह-गारंटर सुमन विजय गुप्ता, प्रतीक विजय गुप्ता और अज्ञात लोक सेवकों पर कंसोर्टियम सदस्य बैंकों को 1,438.45 करोड़ रुपये का नुकसान करने का आरोप है।
उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड लोहे का व्यापार करती है और इसके प्रमोटर, निदेशकों के साथ-साथ अज्ञात संस्थाओं ने एसबीआई और कंसोर्टियम के सदस्य बैंकों को कथित तौर पर धन की हेराफेरी करके, विदेशी निष्क्रिय संस्थाओं को बिक्री दिखाकर, खातों की किताबों में हेरफेर करके नुकसान पहुंचाया था।
आरोपी ने उन संस्थाओं में बैंक धन का दुरुपयोग किया, जिन्होंने पिछले 5-9 वर्षो के दौरान व्यवसाय नहीं किया था और अपने संबंधित पक्षों को ऋण किया था।
इस प्रकार आरोपी ने मंजूरी के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया।
सीबीआई अधिकारी ने कहा, एसबीआई और चार अन्य कंसोर्टियम सदस्य बैंकों को 1438.45 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ। मुंबई और पुणे (महाराष्ट्र) में आरोपियों के परिसरों में तीन स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे दस्तावेज बरामद हुए हैं।
दूसरा मामला एक निजी फर्म मेसर्स अनिल लिमिटेड और उसके छह निदेशकों, अमोल श्रीपाल शेठ, कमलभाई आर शेठ, अनीश कस्तूरभाई शाह, इंदिरा जे. पारिख दीपाल पालकीवाला, अनुराग कोठावाला और शशिन ए देसाई के खिलाफ दर्ज किया गया था, जो फर्म अहमदाबाद में स्थित है।