नई दिल्ली : किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत ने कहा कि देश के हालात ठीक नहीं हैं और विकास सिर्फ वोट का हुआ है, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ वोट के ही भूखे हैं । उन्हें किसानों की परेशानी से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार जल्द फैसला ले ताकि आगे की कार्यवाही पूरी हो और किसनों को उनका हक मिल सके।
उन्होंने कहा कि 15 जनवरी संयुक्त मोर्चे की बैठक रखी गई है। इसमें सरकार से पूछा जायेगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उन्होंने क्या फैसला किया । इसके बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी। उनके अनुसार एमएसपी को लेकर सरकार ने अभी तक कोई कमेटी नहीं बनायी है, न ही इसे लेकर सरकार से किसान मोर्चे की कोई बातचीत चल रही है। इसके अलावा, किसानों पर जो केस दर्ज किए गए, वो अभी तक वापस नहीं हुए हैं। आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हुए, उन्हें भी मुआवजा नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अभूतपूर्व रहा है और सभी जगह इसकी चर्चा हो रही है । जहाँ भी वे जाते हैं, इस आंदोलन पर चर्चा होती है। उनके अनुसार 26 जनवरी को किसान अपने गांव में ही अपने टैक्टर पर झंडा लगा कर अलग-अलग जगहों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और सभी अपने गावं में ही झंडा फहराएंगे। जब उनसे पूछा गया की क्या इस बार भी टैक्टर मार्च दिल्ली की ओर होगा, तो उन्होंने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। 15 जनवरी की बैठक में हर बात पर चर्चा की जाएगी, किसान अपने हक की लड़ाई के लिए तैयार हैं । उनके अनुसार वो चुनाव नहीं लड़ने जा रहे और जो लोग पंजाब में चुनाव लड़ रहे हैं वो उनका व्यक्तिगत फैसला है।
राकेश टिकैत ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार और किसी और को समर्थन देने के मसले पर पूछे जाने पर कहा कि 15 जनवरी की बैठक में इस पर भी चर्चा की जाएगी, हालांकि अभी फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सरकार को दबाव में लेना नहीं बल्कि किसानों के हित में सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का है। मणिपुर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के किसान आंदोलन पर दिए विवादित बयान पर टिकैत बोले कि इस पर तो सत्यपाल मालिक ही ज्यादा बेहतर बता पाएंगे, वो इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।