लिंगायत लापरवाही के आरोप पर सीएम सिद्दारमैया को स्पष्टीकरण देना होगा : बोम्मई

लिंगायत लापरवाही के आरोप पर सीएम सिद्दारमैया को स्पष्टीकरण देना होगा : बोम्मई

बेंगलुरु : बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि अखिल भारतीय वीरशैव महासभा के अध्यक्ष शमनूर शिवशंकरप्पा द्वारा लगाए गए लिंगायत समुदाय की लापरवाही पर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को स्पष्टीकरण देना होगा।

लिंगायत विवाद में अब और देरी से प्रशासन पर बुरा असर पड़ेगा। पूर्व सीएम बोम्मई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ”प्रशासन पर जाति का साया अच्छा संकेत नहीं है। कांग्रेस आए दिन कोई न कोई समस्या खड़ी करती रहती है, और ट्रांसफर मुद्दे को लेकर भी काफी नाराजगी पैदा हुई है।”

पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने सभी के लिए सामाजिक न्याय का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। शमनूर शिवशंकरप्पा द्वारा उठाए गए सवालों पर मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना होगा और जब तक वह इन आरोपों का जवाब नहीं देते, तब तक इसका प्रशासन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जब तक सिद्दारमैया मुख्यमंत्री रहेंगे तब तक उनकी भी बदनामी होती रहेगी। 

लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के अध्ययन के लिए जनगणना का आदेश 2014-15 में दिया गया था, लेकिन इसमें कोई जिक्र नहीं था कि जाति आधारित जनगणना होगी। 

पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस जब भी सत्ता में आई है, स्नेहपूर्वक शासन नहीं कर पाई है। पुलिस को एक संदेश दिया गया था कि किसी समुदाय को न छुएं, इससे असामाजिक तत्वों को कानून, पुलिस या सरकार का कोई डर नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कोलार शहर में एक घटना हुई थी और इसे ध्यान में रखते हुए शिवमोग्गा पुलिस को व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए थी। ईद मिलाद उन नबी के जुलूस के दौरान पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई? राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद असामाजिक तत्वों को उकसाया जा रहा है।

राज्य में मसौदे की स्थिति पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे सूखा राहत कार्य कुशलतापूर्वक करेंगे, लेकिन मौजूदा सरकार केवल बयान दे रही है।

कर्नाटक पिछले तीन महीनों से सूखे का सामना कर रहा है। खरीफ की फसलें सूखने से किसान परेशान हैं। अभी भी सरकार ने कोई राहत पैकेज जारी नहीं किया है। पेयजल समस्या को लेकर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। 

राज्य सरकार बेवजह केंद्र पर उंगली उठा रही है। राज्य सरकार के पास पहले से ही आपदा राहत कोष है। इसे तुरंत जारी करें, फिर हम केंद्र से और फंड मांग सकते हैं और हम इसमें सरकार का समर्थन भी करेंगे।

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