भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर के कमला नेहरु अस्पताल में हुए हादसे के बाद सरकार का रवैया सख्त है और तय किया गया है कि सभी शासकीय और गैर शासकीय अस्पतालों का तत्काल फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में कहा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में जहां नवजात शिशुओं का उपचार होता है, वहां कल रात शार्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिसमें हमारे कुछ नौनिहाल चले गए। इस हृदय विदारक घटना से मन और आत्मा व्यथित है। जो बच्चे अस्पताल में थे वह हमारे संरक्षण में थे, उनकी जान बचाना हमारी जिम्मेदारी थी, यह गंभीर घटना है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना आपराधिक लापरवाही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा घटना की जांच करेंगे, जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घटना का एक पहलु यह भी है कि जिन लोगों ने अपनी जान हथेली पर रखकर अपनी जान की बाजी लगाकर बच्चों को सुरक्षित निकाला वे सराहना के पात्र हैं। ऐसे डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय आदि का सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा करते हुए कहा कि सारंग घटना की सूचना प्राप्त होते ही घटनास्थल पर पहुंचे और तत्काल राहत कार्य में समन्वय किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय और गैर शासकीय अस्पतालों का तत्काल फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए। कोविड-19 के परिणाम स्वरूप कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए ऑक्सीजन लाइन बिछाई गई हैं। इससे अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट की और अधिक जरूरत हो जाती है। इसलिए अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए।