मप्र के चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में पढ़ाई की तैयारी

मप्र के चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में पढ़ाई की तैयारी

भोपाल : मध्य प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ाई हिंदी में किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गणतंत्र दिवस समारोह में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ाने का ऐलान किया था। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान की मंशा अनुरूप प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाये जाने की तैयारी जारी है। इसी अनुक्रम में कार्यवाही कर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से इसकी शुरूआत करने के निर्देश दिये गये हैं।

मंत्री सारंग द्वारा चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने और एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के विषयों के लिए हिन्दी में सप्लीमेंट्री पुस्तकों को तैयार करने के लिये विषय-विशेषज्ञों से चर्चा भी की गई।

मंत्री सारंग ने अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार तथा एम्स भोपाल और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के साथ आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की उपस्थिति में विचार-विमर्श किया।

प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जाएगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जायेगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का दो माह अंग्रेजी माध्यम से एवं दो माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जायेगा।

द्वितीय चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जायेगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिए तीन समिति बनायी गयी है।

चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना तैयार करने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्तरूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा। इससे इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

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