लखनऊ, | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान ‘हिंदू और मुसलमान दोनों का डीएनए एक है’ पर पलटवार किया है। कहा कि उनका यह बयान ‘मुंह में राम बगल में छूरी’ जैसा है। मायावती ने सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, “आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं। इन लोगों के मुंह में राम बगल में छुरी जैसा होता है।”
उन्होंने धर्म परिवर्तन के कानून का विरोध करते हुए कहा, “किसी का भी जबरन धर्म परिवर्तन करना गलत है, ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए। उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन राज्य में जबरन सोची समझी रणनीति के तहत हिंदू मुस्लिम के मामले को मुद्दा बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है। दोनों धर्म के लोगों में आपसी नफरत पैदा होगी। यह देशहित में नहीं है, देश में धर्मपरिवर्तन के नाम पर नुकसान पहुंचाने की बड़ी साजिश चल रही है।”
बसपा नेता ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें चल रही हैं, वे भारतीय संविधान की सही मानवतावादी मंशा के मुताबिक चलने की बजाए ज्यादातर आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे पर चल रही हैं, ये आम चर्चा है।
मायावती ने कहा कि आरएसएस के सहयोग और समर्थन के बिना भाजपा का अस्तित्व कुछ भी नहीं है फिर भी आरएसएस अपनी कही गई बातों को बीजेपी और इनकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है।