हंगरी के पीएम ने नए प्रतिबंधों को सही ठहराया

हंगरी के पीएम ने नए प्रतिबंधों को सही ठहराया

बुडापेस्ट, | हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने महामारी की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए नए कड़े नियम लागू किए जाने को उचित ठहराया है, क्योंकि देश में कोरोना से संक्रमण के कुल मामले डाउन लगाना होगा, ताकि हम ईस्टर पर फिर से खोल सकें।”

उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि अब हम दो सप्ताह के लॉकडाउन के साथ समाप्ति रेखा की ओर हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को हंगरी सरकार ने तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए कई कठोर नियम लागू किए।

इनमें किंडरगार्टन और प्राइमरी स्कूलों को बंद करने सहित 8 से 22 मार्च तक जनरल लॉकडाउन शामिल है, हालांकि नर्सरी खुली रहेंगी।

किराना और टोबैको स्टोर, फार्मेसी, दवा की दुकानों और गैस स्टेशनों और साथ ही निजी हेल्थ केयर यूनिट को बिजनेस के लिए खुले रहने की अनुमति दी जाएगी।

जिम भी दो सप्ताह तक बंद रहेंगे। प्रमाणित एथलीटों के प्रशिक्षण और मैचों को केवल बंद गेट के पीछे आयोजित किया जा सकता है।

सीमा नियंत्रण को भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन ट्रांजिट और माल ढुलाई को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा।

ऑर्बन ने रेखांकित किया, “हमारे पास लॉकडाउन लगाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था, क्योंकि महामारी विज्ञानियों ने कहा कि अगर हम ऐसा कदम नहीं उठाएंगे तो बड़ी त्रासदी का सामना करना होगा।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 8 मार्च को पड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कारण, फूलों की दुकानों को उस दिन खुला रहने की अनुमति होगी।

हंगरी सरकार रूसी और चीनी टीकों के साथ अपने टीकाकरण कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि देश में महामारी की तीसरी लहर चल रही है।

हंगरीवासियों की पहुंच अब फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनिका, स्पूतनिक-5 और साइनोफॉर्म जैसे वैक्सीन तक है।

चीनी वैक्सीन खरीदने और अधिकृत करने वाला पहला यूरोपीय संघ सदस्य देश होने के नाते हंगरी ने 24 फरवरी से लोगों को साइनोफार्मा वैक्सीन लगवाना शुरू किया है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश ने शुक्रवार को 24 घंटे के अंतराल में 6,369 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए, जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 452,547 हो गई।

पिछले 24 घंटों में देश में 143 लोगों की कोविड से मौत हुई, जिससे कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 15,619 हो गई, जबकि 331,557 लोगों रिकवर हुए हैं।

वर्तमान में अस्पतालों में 6,867 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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