यरुशलम, | इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहने के लिए संसद में पर्याप्त सीटें सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं। मंगलवार के अधूरे चुनावी परिणामों से यह संकेत मिला है। हालांकि नेतन्याहू ने देश में 2 साल के अंदर हो रहे चौथे चुनाव में अपनी जीत का दावा किया है।
उनकी यह घोषणा इजरायल के मुख्य 3 टीवी चैनलों पर आए एग्जिट पोल के 2 घंटे से भी कम समय में आई है। इन एग्जिट पोल में इशारा किया गया है कि राजनीतिक गतिरोध के चलते इन चुनावों में तत्काल कोई विजेता घोषित नहीं हो पाएगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने मंगलवार की रात ट्विटर पर लिखा, “मेरे नेतृत्व में दक्षिणपंथी और लिकुड (पार्टी) को भारी जीत मिली है।”
उन्होंने कहा कि उनकी दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी इजरायल की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनावी नतीजों से पता चला है कि इसने 31 सीटों पर जीत दर्ज की है।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 90 प्रतिशत मतों की गिनती के साथ, उनका दक्षिणपंथी दल 59 सीटें जीत सकता है और यह जीत की दहलीज से महज दो कदम यानी दो सीट कम है।
आश्चर्यजनक रूप से एक अरब पार्टी, जिसकी ओर से पांच सीटें जीतने का अनुमान है, वह एक किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।
अन्य चीजों के बीच अंतिम परिणाम फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल के संबंधों के पाठ्यक्रम को निर्धारित करेगा।
नेतन्याहू ने साथ ही कहा कि यह स्पष्ट है कि इजरायल के लोगों का स्पष्ट बहुमत दक्षिणपंथ के साथ है। यहां के लोग एक स्थिर और मजबूत दक्षिणपंथी सरकार चाहते हैं, जो इजरायल की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का ध्यान रखेगी।
सरकार बनाने के लिए नेतन्याहू ने 3 दक्षिणपंथी दलों के नेताओं के साथ फोन पर बात की, जो पहले से ही उनके नेतृत्व में गठबंधन में शामिल होने की बात कह चुके हैं।
यामिना पार्टी की नेता नफतली बेनेट ने कहा कि उन्होंने नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत भी की। पोल के मुताबिक यामिना ने 7 सीटें जीती हैं। यदि नेतन्याहू के पूर्व करीबी सहयोगी बेनेट गठबंधन में शामिल होने का फैसला करते हैं तो वे 120 सीटों वाली संसद में बहुमत के साथ सरकार बना सकते हैं।