भोपाल। एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। छोटे भाई तनुज सिंह और बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। तनुज भाई की चिता के सामने ही बैठ गए और फफक कर रो पड़े। पास ही खड़े पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह और बेटे की आंखों में भी आंसू थे। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैप्टन को सैल्यूट किया। कैप्टन के बेटे के कंधे पर हाथ रख ढांढस बंधाया। परिवार को सांत्वना दी। तीनों सेनाओं- आर्मी, नेवी और एयरफोर्स, के अफसरों ने श्रद्धांजलि दी। कैप्टन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
सेना के थ्री-ईएमई सेंटर स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से पार्थिव शरीर को बैरागढ़ स्थित यथाशक्ति विश्राम घाट पर सुबह 11 बजे लाया गया था। फूलों से सजे सेना के ट्रक में वरुण की पार्थिव देह रखी थी। पूरे रास्ते लोग ‘भारत माता की जय’, ‘वरुण सिंह अमर रहें’ के नारे लगाते चले।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर सेना के प्लेन से गुरुवार को बेंगलुरु से भोपाल लाया गया था। यहां मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-विधायकों ने उनको श्रद्धांजलि दी थी। यहां से पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से भोपाल स्थित सन सिटी कॉलोनी में उनके घर ले जाया गया था। यहां वरुण सिंह की मां ने बहू के कंधे पर हाथ रखकर कहा था- तुम सबसे बड़ी वीरांगना, बहादुर बेटी हो…। इसके बाद पार्थिव देह मिलिट्री हॉस्पिटल में बने मॉर्चुरी हाउस में रख दी गई थी। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।