बिजली कटौती पर दिग्विजय सिंह बोले-बत्ती गुल-बिल फुल; कहा- आपूर्ति से ज्यादा है उत्पादन तो संकट क्यों?

बिजली कटौती पर दिग्विजय सिंह बोले-बत्ती गुल-बिल फुल; कहा- आपूर्ति से ज्यादा है उत्पादन तो संकट क्यों?

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 10 दिनों से अघोषित बिजली कटौती हो रही है। इसे लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि जब आपूर्ति से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा हे तो संकट क्यों है? बंटाढार कौन है?

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- बड़ी विडंबना है। बारिश में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से पूरी बिजली पैदा होती है। कृषि की मांग नहीं है। मध्यप्रदेश में आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता है, फिर कटौती क्यों हो रही है? यह समझ से परे है। बंटाढार कौन? बिजली कटौती से हाहाकार, अंधेरा लाई शिवराज सरकार। बत्ती गुल-बिल फुल।

2003 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचार अभियान में दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाढार बताया था। भाजपा हमेशा से आरोप लगाती रही है कि दिग्विजय सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान प्रदेश का बंटाढार कर दिया है। साथ ही प्रदेश में उनके शासनकाल के दौरान बिजली और सड़क की स्थिति काफी खराब थी।

बीजेपी को मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल होने में बिजली और सड़क का मुद्दा कारगर साबित हुआ था। अब प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती की स्थिति निर्मित हुई है, तो दिग्विजय सिंह ने बंटाढार को लेकर सवाल इसलिए किया है, क्योंकि बीजेपी दिग्वियज सिंह को मिस्टर बंटाढार के नाम से ताने मारने का कोई मौका अब भी नहीं छोड़ती है।

बीजेपी ने दिया जवाब
दिग्विजय के ट्वीट पर बीजेपी नेता रजनीश अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि बंटाधार कांग्रेस की संस्कृति रही है। बिजली, पानी और सड़क को लेकर तात्कालिक परिस्थितियां बनी है। इसका जल्द समाधान हो जाएगा। 2003 से लेकर अब तक प्रदेश में विकास का नया मॉडल गढ़ा है और 2023 के चुनाव में जनता कांग्रेस को इसका जवाब देगी।

हाइड्रो प्लांट शुरू
दूसरी तरफ अघोषित बिजली कटौती और संकट से जूझ रहे प्रदेश को हाइड्रो पावर प्लांट से करीब 17 सौ मेगावाट बिजली मिल रही है। एनएचडीसी के इंदिरा सागर को 1036 मेगावाट और ओमकारेश्वर को 520 मेगावाट के फुल लोड पर चला कर सौ प्रतिशत बिजली उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में बीते गुरुवार को पीक आवर में 10236 मेगावाट की बिजली आपूर्ति हुई है। ये आपूर्ति बुधवार के मुकाबले करीब 1000 मेगावाट ज्यादा रही है।

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