नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम शनिवार को लगातार तीसरे दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सामने चीनी वीजा घोटाले के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश हुए। मीडिया से बातचीत करते हुए कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सीबीआई के खिलाफ उनके गोपनीय संसदीय कागजात जब्त करने के लिए लिखा था और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी पूछताछ की तुलना एक टेस्ट क्रिकेट खेल से करते हुए जांच एजेंसी पर कटाक्ष किया और इसे उत्पीड़न और राजनीतिक प्रतिशोध की ‘रणनीति’ करार दिया।
गुरुवार को सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति से करीब छह घंटे तक पूछताछ की। अगले दिन फिर पूछताछ करीब छह घंटे तक चली।
एस. भास्कररमन उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट, वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में हैं। उसका सामना कार्ति से होगा। सीबीआई ने अदालत से कहा था कि वह दोनों आरोपियों का सामना करना चाहती है।
सीबीआई ने इस मामले में 65,000 ईमेल भी बरामद किए हैं जिन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान बरामद सेल्स डीड बेहद अहम है। यह बिक्री विलेख जोर बाग में खरीदी गई संपत्ति का है और पावर ऑफ अटॉर्नी भास्कररमन के नाम है जबकि संपत्ति कार्ति और उनकी मां ने खरीदी थी।
इस सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से पूछताछ की जाएगी।
हाल ही में दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार, मनसा (पंजाब) स्थित एक निजी फर्म, तलवंडी साबो पॉवर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले परियोजना को पूरा करने में मदद करने के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया।