कांग्रेस की अधिकार यात्रा के खिलाफ BJP ने चलाया ‘धोखा यात्रा’ कैंपेन, शिक्षा मंत्री ने पूछा- 70 साल में सिलेंडर क्यों नहीं दिया

कांग्रेस की अधिकार यात्रा के खिलाफ BJP ने चलाया ‘धोखा यात्रा’ कैंपेन, शिक्षा मंत्री ने पूछा- 70 साल में सिलेंडर क्यों नहीं दिया

भोपाल। मध्य प्रदेश में OBC के बाद अब आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को बड़वानी से आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत की, तो बीजेपी हमलावर हो गई। बीजेपी नेताओं ने इसे धोखा यात्रा करार दिया। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया, लेकिन कांग्रेस ने भी पलटवार करने में देर नहीं की। पीसीसी ने कमलनाथ सरकार में आदिवासियों के लिए किए गए कामों का वीडियो जारी कर दिया।

इस आदिवासी यात्रा के जरिए कांग्रेस आदिवासियों के बीच पुरानी जड़ें और मजबूत करने का प्रयास करेगी। इसके लिए आदिवासी उत्पीड़न और आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस का बीजेपी सरकार के खिलाफ बड़ा हल्ला बोल है। इधर, बीजेपी ने कांग्रेस को आदिवासियों को धोखा देने वाली पार्टी बताकर सोशल मीडिया पर मोर्चा खोला है, जिसे ‘धोखा यात्रा’ नाम दिया है।

बीजेपी ने कैंपेन के जरिए कमलनाथ और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कांग्रेस से 70 साल के शासन में आदिवासियों को सिलेंडर क्यों नहीं दिया गया? कांग्रेस ने 15 महीने तक आदिवासियों को गरीबी से जूझने के लिए मजबूर किया है। यह एक धोखा यात्रा है।

बीजेपी नेता पंकज चतुर्वेदी ने लिखा- अविभाजित एमपी में दुनिया भर से आदिवासियों के नाम पर फंड जुटाया गया। कांग्रेस में अपना कोष भर लिया। किस बात की अधिकार यात्रा? बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि महिलाओं को दी जाने वाली राशि क्यों बंद की? कमलनाथ की आज की धोखा यात्रा है? बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने लिखा कि आदिवासी झोपड़े में बिजली का लट्टू क्यों नहीं पहुंचा? कमलनाथ सरकार में संबल योजना क्यों बंद की गई?

कांग्रेस ने किया पलटवार
बीजेपी नेताओं के (धोखा यात्रा) के कैंपेन के जबाव में प्रदेश कांग्रेस ने भी कमलनाथ सरकार में हुए फैसलों पर वीडियो जारी कर दिया। इसके जरिए आदिवासियों को बताने की कोशिश की है कि 15 महीने में कमलनाथ सरकार ने वादा निभाया। आदिवासियों को साहूकारी कर्ज से मुक्ति दिलाई गई। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 7 खेल परिसर और 1 हजार स्कूल और सामुदायिक भवन बनाए जाने का दावा किया।

BJP को क्या है खतरा
बड़वानी, धार, आलीराजपुर (मालवा-निमाड़ क्षेत्र) को जयस ( जय युवा आदिवासी संगठन) का गढ़ माना जाता है। पिछले कुछ वक्त से कांग्रेस, आदिवासियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। अगस्त में डेढ़ दिन चले विधानसभा सत्र के दौरान भी देखा गया कि विश्व आदिवासी दिवस के मुद्दे को कांग्रेस ने जमकर उठाया। अब कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। कांग्रेस आदिवासी अधिकार यात्रा के जरिए बड़वानी और उससे लगे आधा दर्जन जिलों को कवर करने की कोशिश में है। बड़वानी के साथ धार, खरगोन, मंदसौर और नीमच जिलों के आदिवासियों को लेकर कांग्रेस बड़ा आयोजन करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website