अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका पाकिस्तान के लिए तुरंत ऋण की किस्तें जारी करने का कोई इरादा नहीं है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि ऋण पाने के लिए अभी पाकिस्तान को कई और कदम उठाने होंगे। आईएमएफ पाकिस्तान के लिए 6.5 बिलियन डॉलर का ऋण मंजूर कर चुका है। लेकिन ऋण की किस्तें पाने के लिए उसने जो शर्तें लगाई हैं, पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार उन पर पूरा अमल नहीं कर पाई है। इस बीच उसके एक कदम ने आईएमएफ को नाराज कर दिया है।
विश्लेषकों के मुताबिक आईएमएफ के ताजा बयान के बाद पाकिस्तान सरकार पर अपने मित्र देशों सहायता जुटाने का दबाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान डिफॉल्ट ना करे (कर्ज चुकाने में अक्षम ना हो) इसके लिए उसे तुरंत अतिरिक्त विदेशी मुद्रा की जरूरत है। विश्लेषकों ने इस तरफ भी ध्यान दिलाया है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अकेला ऐसा देश है, जिसे ऋण देने में आईएमएफ की हिचक अभी तक बनी हुई है। जबकि वह बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए कर्ज जारी करने का फैसला कर चुका है।