मुंबई। मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में गिरफ्तार आर्यन खान की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। खास बात ये है कि आज नामी वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन की पैरवी कर रहे हैं। शुरुआत में NCB के वकील ने दलीलें पेश कर आर्यन को जमानत देने का विरोध किया। जांच एजेंसी ने कहा कि जमानत मिलने पर आर्यन गवाहों को प्रभावित कर सकता है। वह देश छोड़कर भाग सकता है।
NCB के बाद आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने अपनी दलीलें पेश कीं। रोहतगी ने कहा- आर्यन और अरबाज 2 अक्टूबर की दोपहर को क्रूज टर्मिनल पहुंचे थे। NCB के कुछ लोग पहले ही टर्मिनल पर मौजूद थे। उनके पास कुछ इन्फॉर्मेशन थी। मेरे क्लाइंट आर्यन और अरबाज को क्रूज पर चढ़ने से पहले ही पकड़ लिया गया। मेरे क्लाइंट से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। उसके ड्रग लेने की बात भी साबित नहीं हुई है। उसका अब तक कोई मेडिकल टेस्ट भी नहीं कराया गया है।
आर्यन क्रूज पार्टी का कस्टमर नहीं था
रोहतगी ने कहा- यह सारा मामला 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था। आर्यन क्रूज पार्टी का कस्टमर नहीं था। वह उसमें एक स्पेशल गेस्ट के तौर पर शामिल हुआ था। उसे प्रतीक गाबा नाम के आदमी ने बुलाया था, जो खुद को इवेंट मैनेजर बता रहा था। गाबा आर्यन और अरबाज मर्चेंट को जानता था।
कोर्ट रूम में रोहतगी की दलीलें
- हमने अपनी याचिकाओं में कई बार यह सवाल उठाया कि जो लोग पुलिस ऑफिसर भी नहीं हैं, वे भी पुलिस के अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें गिरफ्तारी का अधिकार है। इसके अलावा वे पुलिस अफसर नहीं हैं।
- जब किसी तरह की रिकवरी या ड्रग लेने की बात नहीं है, तो मेरे क्लाइंट को गलत तरीके से अरेस्ट किया गया।
- रोहतगी ने यह भी बताया कि किस तरह जमानत याचिका हाईकोर्ट तक पहुंची।
- मेरे क्लाइंट के खिलाफ जो बात कही गई है, वो ये कि वह अरबाज मर्चेंट के साथ आया था। इसलिए माना गया कि आपको ड्रग होने की जानकारी थी।
- यह अजीब अनुमान है कि मुझे (आर्यन को) इस बात की जानकारी थी और मैं इसके लिए जिम्मेदार था। जबकि यह मेरी जिम्मेदारी थी ही नहीं। किसी के पास जूते में कुछ रखा हो, यह देखना मेरा काम नहीं है।
- कॉन्शियस पजेशन का मतलब यह होता है कि जिस चीज के बारे में मुझे जानकारी हो और मेरा कंट्रोल हो। अगर मैं एक कार ड्राइव कर रहा हूं और उसमें कुछ रखा हो, तो यह कॉन्शियस पजेशन का मामला बनता है।
- मेरा केस यह है कि मेरे क्लाइंट के खिलाफ कॉन्शियस पजेशन का मामला नहीं बनता है। किसी के जूते में क्या है, यह देखना मेरा काम नहीं है। इसलिए यह कॉन्शियस पजेशन का मामला नहीं बनता है।
- यह पार्टी जारी रखने से संबंधित केस नहीं है। फिर मेरे क्लाइंट को क्यों टारगेट किया जा रहा है? कई लोग जिनके बड़े और कॉमर्शियल अकाउंट हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।
- अगर मेरे क्लाइंट के खिलाफ कॉन्शियस पजेशन का भी मामला हो, तो इसमें 6 ग्राम ड्रग रखने पर अधिकतम 1 साल की सजा हो सकती है। इसलिए मुझ पर सेक्शन 27A के तहत मामला नहीं बनता, मेरे खिलाफ केस दर्ज कराने में षडयंत्र किया जा रहा है।
- यह एक सामान्य और अजीब तरह की स्थिति है, जिसमें NDCP के सेक्शन 37 के तहत मामला कायम हुआ और इनडायरेक्ट तरीके से सेक्शन 27A के तहत कार्रवाई की जा रही है।
सुनवाई से पहले कोर्ट रूम से भीड़ हटाई गई
सुनवाई शुरू होने से पहले ही कोर्ट रूम में इतनी भीड़ हो गई कि उसे हटाने के लिए पुलिस की मदद ली गई। अदालत ने कहा कि जो केस अभी चलने वाला है, उनसे संबंधित लोग ही कोर्ट रूम में उपस्थित रहें। कोर्ट रूम के बाहर लॉबी से भी भीड़ को हटाया गया है । भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पाने की वजह से यह कदम उठाया गया।
NCB ने कहा- गवाहों को प्रभावित कर सकता है आर्यन
NCB ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में आर्यन की जमानत का विरोध किया है। NCB ने हलफनामे में कहा है कि शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी गवाहों के साथ मीटिंग कर रही हैं और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में जमानत मिलने पर आर्यन भी गवाहों को प्रभावित कर सकता है।