भारतीय सेना के लिए 11 लाख ‘कॉम्बैट डिजिटल प्रिंटेड वर्दी’ तैयार करने का मामला एक बार दोबारा से चर्चा में आ गया है। पिछले माह सेना मुख्यालय द्वारा जारी किए टेंडर पर अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ‘एआईडीईएफ’ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने यह कहते हुए सवाल उठाया था कि ये टीसीएल के तहत चार आयुध कारखानों को काम न देने की साजिश है। इसमें जो शर्तें रखी गई हैं, वे किसी निजी फर्म को फायदा पहुंचाने वाली हैं।
एआईडीईएफ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत कराया था। बाद में ये टेंडर वापस हो गया था। अब सेना मुख्यालय द्वारा 21 नवंबर को समान प्रतिबंधात्मक शर्तों के साथ टेंडर दोबारा से जारी कर दिया गया है। श्रीकुमार का कहना है कि टीसीएल के तहत चार आयुध कारखानों में सभी प्रकार के ट्रूप कंफर्ट आइटम निर्माण की सभी आधुनिक सुविधाएं एवं उपकरण मौजूद हैं। अब एआईडीईएफ महासचिव द्वारा 23 नंवबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक अन्य पत्र लिखकर चार आयुध कारखानों को बंद होने से बचाने की अपील की गई है।