नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नगालैंड राज्य पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कथित रूप से प्रबंधन नहीं करने के लिए लगाया गया है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने नगालैंड सरकार के खिलाफ ये कार्यवाही की है।
जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने 24 नवंबर को जुर्माने का आदेश पारित किया था। आदेश पारित करते समय पीठ ने कहा कि सीवेज के निर्माण- निपटान में कमी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में कमी पर विचार करते हुए हम प्रदूषक भुगतान सिद्धांत पर राज्य पर 200 करोड़ रुपये का मुआवजा लगाते हैं।
पीठ ने कहा कि कानून के जनादेश विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और इस ट्रिब्यूनल के निर्णयों के उल्लंघन में तरल और ठोस कचरे के वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन में सरकार की विफलता के लिए ये कार्यवाही की गई है। पीठ ने यह भी कहा केवल राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार इस राशि को रिंग-फेंस खाते में रखा जा सकता है। इस राशि का प्रयोग, ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना, पुराने कचरे का उपचार और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) और एफएसएसटीपी की स्थापना के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।