रायपुर/कोरिया: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के आनंदपुर गांव में अब भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की यादें संजोए हुए है, क्योंकि यहां लगभग 38 साल पहले आदिवासी दंपति ने राजीव गांधी द्वारा सौंपे गए पीपल के पौधे को रोपा गया था, जो आज सवा सौ फुट से ज्यादा ऊंचा हो चुका है और इस पेड़ के जरिए राजीव गांधी की यादें जरूर हिलोरें मारती हैं। बात जुलाई 1984 की है, जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सोनहत ब्लॉक के ग्राम कटगोड़ी में अचानक हेलीकॉप्टर से उतरे थे। तब वे थोड़े समय के लिए पास के गांव आनंदपुर में कार से पहुंचे थे। उस दौरान सोनिया गांधी और राहुल तथा प्रियंका गांधी भी उनके साथ थे। इसी दरम्यान यहां के विशेष पिछड़ी पंडो जनजाति के रामचरण साय और उनकी पत्नी कुंती साय के पास कार रुकवाकर हालचाल जाना और दंपति को पीपल का पौधा भेंट किया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए उपहार को इस दंपति ने अपनी संतान की तरह सहेजकर रखा और आज 38 साल बाद वही पीपल का पौधा लगभग सवा सौ फीट ऊंचे विशाल पेड़ का रूप ले चुका है। रामचरण साय और उनकी पत्नी कुंती बाई तो आज जीवित नहीं है, लेकिन वह पीपल का पेड़ पूरी तरुणाई पर है। घने पेड़ की छांव में पंछियों की कई पीढ़ियां आश्रय ले चुकी हैं, तो पेड़ गांव के विकास और वनवासियों की पर्यावरण संरक्षण पहचान का भी जीता-जागता सबूत बन खड़ा है।