ब्लैक फंगस: हरियाणा-राजस्थान के बाद मप्र में भी महामारी घोषित, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें

ब्लैक फंगस: हरियाणा-राजस्थान के बाद मप्र में भी महामारी घोषित, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस विकराल रूप धारण करता जा रहा है। देश के बड़े हिस्सों में यह तेजी से पैर पसार रहा है। रोजाना सैकड़ों लोग इसके शिकार हो रहे हैं। कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर रखा है। अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी इसे महामारी घोषित किया है। अब सरकार इस बीमारी के मरीज़ों और मृतकों का इलाज का कोरोना की तरह ही रिकॉर्ड रखेगी। 

शुक्रवार को कोरोना कोर ग्रुप की बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे महामारी घोषित किया। सरकार की नजर इस पर भी होगी कि कोई अस्पताल इसका इलाज करने से मना तो नहीं कर रहा और इसकी दवाओं की कालाबाजारी तो नहीं हो रही। एसे करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कर्रवाई कर सकती है। 

मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस से 10 लोगों की मौत
बता दें कि मध्यप्रदेश में यह इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। राज्य में अभी तक 10 लोगों की मौत हो चुकी। वहीं कई मरीज अब भी इस बीमारी से जंग लड़ रहे हैं। ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा वह मरीज हैं, जो हाल ही में कोरोना से ठीक होकर घर लौटे हैं. लेकिन फिर से उन्हें अस्पताल जाना पड़ रहा है।

महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा मौत
देशभर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर इसे महामारी घोषित करने की मांग की थी, जिसके बाद राजस्थान हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे महामारी घोषित की। इन राज्यों में ब्लैक फंगस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड से ठीक हुए मरीज फिर से इस बीमारी को लेकर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इस खतरनाक इंफेक्शन से देश में अब तक 100 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र और राजस्थान में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। जिसमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 90 लोगों ने दम तोड़ा। वहीं हरियाणा में14 की जान गई।

हालांकि म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की दवा बाजार में उपलब्ध हो गई है। फार्मा कंपनी एमएसएन ने ब्लैक फंगस की दवा पॉसाकोनाजोल को बाजार में उतारा है। दवा आने से मरीजों को राहत मिलेगी। हालांकि दवा मार्केट में सभी जगह उपलब्ध नहीं है, लेकिन कंपनी जल्द ही देशभर में सप्लाई बढ़ाने की बात कह रही है।

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