रिलायंस पावर ने समालकोट परियोजना से बांग्लादेश को उपकरणों का निर्यात शुरू किया

रिलायंस पावर ने समालकोट परियोजना से बांग्लादेश को उपकरणों का निर्यात शुरू किया

नई दिल्ली, | रिलायंस पावर ने अपनी समालकोट परियोजना से बिजली उपकरणों का निर्यात बांग्लादेश परियोजना के लिए करना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में 750 मेगावाट की एलएनजी आधारित बिजली परियोजना के लिए उपकरणों के निर्यात की प्रक्रिया जुलाई 2021 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।

कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि समालकोट से बांग्लादेश की परियोजना के लिए इन उपकरणों की बिक्री से रिलायंस पावर का अमेरिकी-एक्जिम ऋण करीब 1,500 करोड़ रुपये कम हो जाएगा।

सरल शब्दों में कहें तो वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, समालकोट से बांग्लादेश परियोजना को इन उपकरणों की बिक्री से कंपनी को अपने कर्ज के बोझ को करीब 1,500 करोड़ रुपये कम करने में मदद मिलेगी।

बांग्लादेश परियोजना का विकास कंपनी जापान की ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज जेईआरए के साथ मिलकर कर रही है। परियोजना ने 750 मेगावाट उत्पादन क्षमता के अपने पहले चरण के लिए वित्तीय समापन भी हासिल कर लिया है। सैमसंग सी एंड टी कॉपोर्रेशन बांग्लादेश परियोजना के लिए ईपीसी ठेकेदार है।

रिलायंस पावर ने अपनी समालकोट परियोजना के लिए गैस आधारित बिजली उपकरण के 3 मॉड्यूल आयात किए थे, लेकिन देश में गैस की अनुपलब्धता के कारण यह परियोजना आकार नहीं ले सकी। अब कंपनी इन बिजली उपकरणों का इस्तेमाल अपनी बांग्लादेश परियोजना के लिए कर रही है। 750 मेगावाट के मॉड्यूल 1 के निर्यात की प्रक्रिया चल रही है और जुलाई अंत तक पूरी हो जाएगी।

समालकोट परियोजना के लिए कुल यूएस एक्जिम ऋण लगभग 2,500 करोड़ रुपये है, जिसमें से 1,500 करोड़ रुपये मॉड्यूल 1 की बिक्री के साथ चुकाए जाएंगे। शेष 2 मॉड्यूल की बिक्री से शेष ऋण को चुकाने के लिए पर्याप्त धन उत्पन्न होने की उम्मीद है।

मॉड्यूल 2 और 3 की बिक्री यूएस-एक्जिम के साथ संयुक्त रूप से की जा रही है और शेष यूएस-एक्जिम ऋण का भुगतान करने के बाद रिलायंस पावर के लिए अधिशेष उत्पन्न करेगा।

रिलायंस पावर ने अपने 2,430 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए जून 2019 में यूएस-एक्जिम के साथ ऋण पुनर्गठन समझौता किया था। यूएस-एक्जिम ने परिशोधन पुनर्भुगतान अनुसूची को बुलेट पुनर्भुगतान में परिवर्तित करने पर सहमति व्यक्त की थी और अंतिम ऋण परिपक्वता को जून 2022 तक बढ़ा दिया था। इसने ब्याज दर को घटाकर 2.65 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया था।

रिलायंस पावर के सभी बिजली संयंत्र कोविड-19 और लॉकडाउन चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पूरी तरह से चालू रहे। लगभग 6000 मेगावाट के ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो के साथ रिलायंस पावर यानी आर-पावर भारत की शीर्ष 3 निजी बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website