ग्वालियर के व्यापार मेला परिसर को 8 महीने आबाद रखने की कवायद

ग्वालियर के व्यापार मेला परिसर को 8 महीने आबाद रखने की कवायद


भोपाल:
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के व्यापार मेले की राष्टीय स्तर पर खास पहचान है, इस बार यह मेला 15 फरवरी से शुरु हेाकर दो माह चलेगा। अब कोशिश इस दिशा में शुरु हो गई है कि साल में कम से कम आठ माह तक यह मेला परिसर आबाद रहे, यहां तरह-तरह के मेले लगाए जाएं। ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा यह आयोजित किया जाता है। इस मेले की शुरुआत तो वर्ष 1905 में पशु मेला से हुई थी मगर वक्त गुजरने के साथ इसका स्वरुप बदलता गया। एक दौर था जब मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लेाग भी यहां आते थे, क्योंकि यहां वाहन खरीदने पर कई तरह की रियायतें दी जाती थी। इन रियायतों में कटौती हुई तो मेला का आकर्षण पहले जैसा नहीं रहा। इसके साथ ही इलेक्टॉनिक कंपनियां भी खास रियायतें देती रही है।

इस मेला की साख और पहचान बनी रहे, इसके लिए फिर प्रयास हो रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मेला में खरीदे जाने वाले वाहनों के पंजीयन पर लगने वाले शुल्क में छूट दिए जाने का एलान किया है। इसमें शर्त यही रहेगी कि वाहन का पंजीयन ग्वालियर में ही कराया जाए।

वैसे यह मेला दीपावली के आसपास लगता रहा है मगर इस बार कोरोना महामारी के कारण फरवरी में मेला लग रहा है। यह मेला दो माह का होगा, जो 15 अप्रैल तक चलेगा। इस मेला परिसर में साल में कम से कम आठ माह विविध मेले आयोजित किए जाएं, इसके प्रयास हो रहे हैं।

व्यापार मेला प्राधिकरण के संचालक मंडल की बैठक में प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि ग्वालियर का व्यापार मेला बहुत ही ऐतिहासिक मेला है। इस मेले को इस वर्ष भी पूर्ण भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित किया जाए। साथ ही मेला प्राधिकरण अपनी आय को बढ़ाने के लिये भी विशेष प्रयास करे। इसके लिए जरुरी है कि वर्ष में कम से कम आठ माह इस मेला प्रांगण में विभिन्न प्रकार के मेले आयोजित हों, इसकी भी रूपरेखा तैयार की जाए।

पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस मेला का इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा था कि, ग्वालियर मेले के आयोजन से जहां लोगों का धंधा, व्यवसाय बढ़ता है, वहीं जरूरतमंदों को वर्ष भर के लिये रोजगार भी प्राप्त होता है। वहीं ग्वालियर व्यापार मेले के पास पर्याप्त अधोसंरचना होने से मेले का विस्तार कर वर्ष के आठ माहों तक मेले का आयोजन किया जा सकता है।

संचालक मंडल ने हर वर्ष मेले में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पशु एवं किसान मेले के आयोजन के संबंध में निर्णय लिया गया कि प्राधिकरण इसका आयोजन भी अवश्य करे। मेले में दंगल भी हेागा। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार ग्वालियर का मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरी गरिमा के साथ आयोजित होगा। कोविड गाइडलाइन का पालन मेले में हो यह भी सुनिश्चित किया जायेगा।

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