उपराष्ट्रपति ने अफ्रीकी देशों के साथ आर्थिक संभावनाएं तलाशने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने अफ्रीकी देशों के साथ आर्थिक संभावनाएं तलाशने का आह्वान किया

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अफ्रीकी देशों के साथ त्वरित और टिकाऊ परस्पर प्रगति लाने के लिए आर्थिक समझौतों में अवसरों की तलाशने का आह्वान किया है। उपराष्ट्रपति ने डाकर, सेनेगल में भारत-सेनेगल व्यापार सम्मेलन में कहा कि भारत और सेनेगल समान लोकतांत्रिक मूल्यों, बहुलतावादी परंपराओं और सांस्कृतिक समानताओं के साथ विकास में प्राकृतिक साझीदार हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए सेनेगल में निवेश की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

नायडू सेनेगल के चार दिन के दौरे पर हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह से भारत वैश्विक शासन और वैश्विक विकास में एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है, अफ्रीकी देश इसकी समृद्धि में भारत के भरोसेमंद भागीदारों और हितधारकों के रूप में एक प्रमुख भूमिका निभाते रहेंगे।

भारत और सेनेगल के 60 साल के सफल राजनयिक संबंधों को देखते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि दोनों देशों में बहुलतावादी परंपराएं हैं, सांस्कृतिक सहिष्णुता में विश्वास करते हैं और ये मूल्य जनता से जनता के बीच के संबंधों का आधार हैं।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में और सेनेगल अफ्रीका में सबसे ज्यादा स्थायी तथा लोकतंत्र के मॉडलों में से एक के रूप में विकास के स्वाभाविक भागीदार हैं और एक दूसरे के साथ प्राकृतिक संबंध साझा करते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि महामारी के बावजूद दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में अच्छा विकास हुआ है। वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 1.65 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि आयात और निर्यात दोनों में द्विपक्षीय व्यापार में विविधता दिखाई दे रही है।

नायडू ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए सेनेगल में विशेष रूप से कृषि, स्वास्थ्य, आईसीटी, खनन आदि में निवेश की पर्याप्त संभावनाएं हैं। नायडू ने सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्निकल डेवलपमेंट यानी सीईडीटी की सफलता का उल्लेख किया, जो भारत द्वारा डाकर में एक विशाल परियोजना के रूप में स्थापित की गई है जिसमें सेनेगल से 1,000 और अन्य अफ्रीकी देशों के 19 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं।

संभावनाओं वाले क्षेत्रों के दोहन के लिए बी2बी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रयास और सेनेगल में एक व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की सराहना की।

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