मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वैधानिक लेखा परीक्षक (चार्टर्ड अकाउंटेंट) हरिभक्ति और कंपनी एलएलपी को 1 अप्रैल, 2022 से दो साल की अवधि के लिए अपने द्वारा विनियमित किसी भी संस्था में किसी भी प्रकार के ऑडिट असाइनमेंट करने से रोक दिया है। व्यवस्थित दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के वैधानिक ऑडिट के संबंध में आरबीआई द्वारा जारी एक विशिष्ट निर्देश का पालन न करने के कारण ऑडिट फर्म पर कार्रवाई की गई है।
आरबीआई के निर्णय से हालांकि वित्तवर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं में ऑडिट फर्म के ऑडिट असाइनमेंट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
एनबीएफसी के वैधानिक लेखा परीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45एमएए के तहत की गई है। यह केंद्रीय बैंक को एनबीएफसी के लेखा परीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देता है।