निवेशक जिस तरह आईपीओ में पैसा लगाने के लिए अस्बा का विकल्प चुनते हैं, उसी तरह का नियम अब सेकंडरी बाजार में भी लागू हो गया है। सेबी ने बुधवार को बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दे दी। अब निवेशक किसी शेयर को खरीदने के लिए पहले से ही पैसे ब्लॉक कर सकते हैं। नई सुविधा के साथ ग्राहक बचत खाते में अपने ब्लॉक राशि पर तब तक ब्याज प्राप्त कर सकेंगे, जब तक राशि निकल नहीं जाती। हालांकि, सुविधा वैकल्पिक होगी।
दरअसल, अभी तक आईपीओ खरीदना चाहते हैं तो अपने खाते में उस पैसे को ब्लॉक करने के लिए एप्लीकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट (अस्बा) के तहत आवेदन करना होता है। यही व्यवस्था सेकंडरी यानी जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, उस पर भी लागू होगी। प्रस्तावित ढांचे के तहत, स्टॉक ब्रोकरों को सीधे यूपीआई ग्राहकों के साथ ब्रोकरेज के निपटान की अनुमति होगी या ग्राहकों के यूपीआई ब्लॉक से ब्रोकरेज दर को लेने के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन की सुविधा का विकल्प चुनना होगा। ढांचा चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।