PM मोदी ने रखी नए संसद भवन की नींव, बोले-हमारे हर फैसले में राष्ट्रहित सर्वोपरि

PM मोदी ने रखी नए संसद भवन की नींव, बोले-हमारे हर फैसले में राष्ट्रहित सर्वोपरि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मंत्रोच्चारण के बीच नए संसद भवन का शिलान्यास किया। इससे पहले पीएम मोदी ने नए संसद भवन में भूमि पूजन किया। इस दौरान सर्व धर्म प्रार्थना भी हुई। सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपना-अपना पाठ और दुआ की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में पहली बार मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था. मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार, पहली संसद, संविधान रचा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे।

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इस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय मंत्री और कई देशों के राजदूतों ने शिरकत की। चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है। इसका निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रत्येक संसद सदस्य को पुनःनिर्मित श्रम शक्ति भवन में कार्यालय के लिए 40 वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध कराया जाएगा जिसका निर्माण 2022 तक पूरा किया जाएगा।

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पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

  • भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है।
  • जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा।
  • आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।
  • संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यर्थाथ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है।
  • ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है। बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया। कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है।
  • हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी।

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