नई दिल्ली, | भारत कोरोना महामारी के संकट के समय आर्थिक गतिविधियों में आई मंदी के दौर से निकलकर सकारात्मक विकास दर की राह पर आगे बढ़ रहा है। यह बात शुक्रवार को जारी राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान के आधिकारिक आंकड़ों से जाहिर होती है। आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तिसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.4 फीसदी रहने का अनुमान है जो लगातार विकास दर में वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि पूरे वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)की वृद्धि दर शून्य से नीचे रहने का अनुमान है। दूसरे अग्रिम अनुमान के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर माइनस आठ फीसदी (-8 फीसदी) रह सकती है। स्थिर कीमतों (2011-12) पर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की वास्तविक जीडीपी 134.09 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 29 जनवरी 2021 को जारी 2019-20 के प्रथम संशोधित अनुमान में देश की जीडीपी 145.69 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया था। इस प्रकार 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर माइनस आठ फीसदी (-8 फीसदी) रहने का अनुमान है, जबकि 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर चार फीसदी दर्ज की गई थी।
वहीं, स्थिर कीमतों (2011-12) पर वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2019-20 की समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 36.08 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.4 फीसदी रहने का अनुमान है।