मप्र में कांग्रेस नेताओं के रिश्ते फिर दिखने लगे बेपटरी

मप्र में कांग्रेस नेताओं के रिश्ते फिर दिखने लगे बेपटरी

भोपाल : मध्य प्रदेश में कांग्रेस की पहचान कभी गुटबाजी के कारण रही, मगर राज्य की कमान कमल नाथ के हाथ में आने के बाद लगभग चार साल तक तो सब ठीक ठाक चला। अब एक बार फिर कांग्रेस नेताओं के रिश्ते बेपटरी होने के संकेत मिलने लगे हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे कुछ वीडियो भी इसकी पुष्टि करते नजर आ रहे हैं। राज्य में कांग्रेस में खत्म हुई गुटबाजी का ही नतीजा था कि वर्ष 2018 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी, मगर आपस में बढ़ी तल्खी के कारण ही महज 15 माह में पार्टी के हाथ से सत्ता फिसल गई। इसकी बड़ी वजह कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले केंद्रीय मंत्री ज्येातिरादित्य सिंधिया रहे। सिंधिया और कमल नाथ के बीच टकराव चला, इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका को अहम माना जाता है।

वर्तमान में कांग्रेस में किसी तरह की खुलकर गुटबाजी नजर नहीं आती है, मगर सब ठीक-ठाक है, ऐसा भी नहीं है। यह बात पिछले कुछ अरसे से लगातार सामने आ रही है। खंडवा लोकसभा के उप-चुनाव का घटनाक्रम भी पार्टी में आपस में टकराव की कहानी कहने वाला था, तब अरुण यादव यहां से पार्टी के बड़े दावेदार माने जा रहे थे, मगर उन्होंने अचानक पारिवारिक कारणों का हवाला देकर चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया था।

अभी हाल में आपसी खींचतान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के मसले में खुलकर सामने आई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा, मगर समय नहीं मिला, वहीं सिंह ने समय देकर मुकरने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के करीब धरने का ऐलान किया। वे जब धरना दे रहे थे उसी समय कमल नाथ की स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री चौहान से मुलाकात हो गई।

मुख्यमंत्री चौहान और कमल नाथ के बीच हुई मुलाकात सुर्खियां बनीं, इतना ही नहीं कमल नाथ ने सिंह के धरने की जानकारी न होने की बात कहकर यह बता दिया कि सब कुछ ठीक नहीं है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने रविवार को मुलाकात का समय दिया और कमल नाथ की मौजूदगी में दिग्विजय सिंह तथा किसानों की मुलाकात हुई।

इस मुलाकात में कमल नाथ की मौजूदगी पर तंज सकते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मुख्यमंत्री चौहान से दिग्विजय सिंह की मुलाकात में कमलनाथ का जाना दोनों की मित्रता पर प्रश्नचिन्ह लगा देता है। वास्तव मे दिग्विजय सिंह और कमल नाथ एक दूसरे पर भरोसा ही नहीं करते हैं।

एक तरफ जहां मुलाकात को लेकर बयानबाजी का दौर जारी था, तभी दिग्विजय सिंह धरना देने और वहां पहुंचे कमल नाथ के बीच हुई और बातचीत का वीडियो सोषल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियों में कमल नाथ साफ कह रहे हैं कि चार दिन पहले हुई मुलाकात में सिंह ने मुझे बताया ही नहीं था कि वे धरना देने वाले हैं।

सोशल मीडिया पर दिग्विजय सिंह और कमल नाथ की बातचीत के वीडियो पर भाजपा की ओर से तमाम नेता चुटकी ले रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कोई नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

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