मप्र की सरकार आदिवासियों को जंगल का मालिक बना रही : अमित शाह

मप्र की सरकार आदिवासियों को जंगल का मालिक बना रही : अमित शाह

भोपाल : मध्य प्रदेश की सरकार ने राज्य के आठ सौ से ज्यादा वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का फैसला लिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि देश में ऐसा पहली बार है, जब कोई सरकार आदिवासियों को जंगल का मालिक बना रही है।

राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में तेंदुपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा, शिवराज के कुशल नेतृत्व में प्रदेश न केवल बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर निकला है बल्कि हर घर बिजली और पानी पहुंचाने का काम भी हुआ है। सरकार ने आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए जो कदम उठाये हैं उसने आदिवासियों को समृद्ध बनाया है।

उन्होंने आगे कहा, देश में ऐसा पहली बार है, जब कोई सरकार आदिवासियों को जंगल का मालिक बना रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने पिछले साल जबलपुर प्रवास का जिक्र करते हुए कहा कि जबलपुर के कार्यक्रम में आदिवासियों के हितों के लिए जो 17 घोषणाएं की गई थीं, उनमें से अधिकांश योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। आदिवासियों के कल्याण के लिए शिवराज सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए हैं।

इस मौके पर गृह मंत्री ने कहा प्रदेश की 21 फीसदी आदिवासी आबादी वाला सबसे बड़ा प्रान्त है, जब तक यहां की जनजातीय भाइयों-बहनों का कल्याण नहीं होगा तब तक विकास नहीं हो सकता । जंगल से जो भी कमाई होती है इसका 20 प्रतिशत हिस्सा वन समिति के हाथ में सौंपकर सरकार ने प्रदेश के आदिवासियों को सीधा मालिक बनाने का काम किया है। राज्य के 925 में से 827 वन ग्रामों को राजस्व गांवों में बदलने का काम किया है, जो आदिवासियों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा।

इस मौके पर वन समितियों में 55 करोड़ की राशि वितरित करने के साथ ही 12 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 68 करोड़ की राशि दी गई।

इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। नौ माह पहले जब गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर आये थे तब हमने जो फैसले लिए वो आदिवासी भाई -बहनों की जिंदगी बदलने वाले हैं। हमारी सरकार आदिवासियों को गाड़ियों में राशन भी भेज रही है। तेंदूपत्ते का बोनस बांटने का काम शुरू किया है। आज से 125 करोड़ रुपए 22 लाख तेंदूपत्ता तोड़ने वाले गरीबों के खाते में जाना प्रारंभ होगा।

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