प्रदीप शर्मा ने मुंबई के होटल में भाजपा नेता से वाजे को फिर से बहाल करने को कहा था

प्रदीप शर्मा ने मुंबई के होटल में भाजपा नेता से वाजे को फिर से बहाल करने को कहा था

मुंबई | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जबरन वसूली रैकेट की गहराई से जांच में जुटी है। इस बीच ताजा सामने आए सबूतों से पता चला है कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और उनके बॉस रह चुके पूर्व पुलिस अधिकारी एनकाउंटर किंग के नाम से विख्यात प्रदीप शर्मा के बीच काफी घनिष्ठ संबंध रहे हैं। एक प्रमुख नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ने आईएएनएस को बताया कि शर्मा ने 2016 में अपने करीबी वाजे को बचाने के लिए कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार से संपर्क किया था।

भाजपा विधायक ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “यह बैठक मुंबई हवाई अड्डे पर स्थित होटल लीला केम्पिंस्की में हुई थी। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक जाने-माने व्यक्तित्व, जो असंख्य पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देने के लिए जाने जाते थे, व्यक्तिगत रूप से बैठक के लिए होटल आए थे। बैठक के दौरान उन्होंने एक भाजपा नेता से पुलिस विभाग में अपने पूर्व अधीनस्थ वाजे को बहाल करने का अनुरोध किया, लेकिन भाजपा सरकार ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।”

उन्होंने कहा, “शर्मा के प्रयास विफल रहने के बाद, शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व ने पुलिस विभाग में वाजे को बहाल करने के लिए भाजपा से संपर्क किया। यह अनुरोध इस आधार पर भी खारिज कर दिया गया कि वह गंभीर प्रकृति के अदालती मामलों में शामिल थे।

इस बीच, एनआईए शर्मा के खिलाफ अधिक सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई हैं, जिन्होंने कथित तौर पर दक्षिण मुंबई में शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के बहुमंजिला आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी एसयूवी स्कॉर्पियो कार के मामले में वाजे को समर्थन प्रदान किया था।

पूछताछ के दौरान वाजे ने संकेत दिया है कि उन्होंने जिलेटिन की छड़ें खरीदीं और इस मामले में इन्हें विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल किया, जो कि उन्होंने शर्मा के संपर्क के माध्यम से किया था। यह एक ऐसा रहस्योद्घाटन है, जिसे स्पष्ट रूप से अदालत में साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत की आवश्यकता होगी।

वाजे के साथ शर्मा के करीबी संबंधों पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा, “मैं इन पुलिस अधिकारियों की आपराधिक सांठगांठ पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन मैं कम से कम इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि शर्मा वाजे के मेंटर थे और यह एक ऐसा तथ्य है, जो पुलिस में सभी को पता है।”

शर्मा, जिन्होंने 2019 में शिवसेना के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपने हाई प्रोफाइल पुलिस अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया था, एक एनजीओ, पीएस फाउंडेशन चलाते हैं, जिसे वाजे सहित कई पुलिस अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है।

शर्मा का मुंबई पुलिस मुख्यालय के विशाल भवन में स्थित वाजे के अपराध शाखा कार्यालय में लगातार आना-जाना रहा है।

मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच से जुड़े मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “शर्मा को इस मामले में जो चीज संदेहास्पद बनाती है, वह न केवल वाजे के साथ उनका जुड़ाव है, बल्कि अभियुक्तों के साथ उनकी कुछ महत्वपूर्ण बैठकें हैं, जो अपराध को अंजाम देने के बाद आयोजित की गई थीं। इन बैठकों से संकेत मिलता है कि शर्मा वाजे की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, जो विस्फोटक से लदे वाहन में एक धमकी भरा पत्र रखते हुए कैमरे में पकड़े गए थे।”

सूत्रों ने बताया कि प्रदीप शर्मा, जो कभी क्राइम ब्रांच में वाजे के बॉस रहे थे, उन्होंने मार्च के पहले सप्ताह में मुंबई पुलिस मुख्यालय में अपने पूर्व अधीनस्थ वाजे से मुलाकात की थी।

सूत्रों ने यह भी कहा कि वाजे से मिलने के अलावा, शर्मा की मुलाकात विनायक शिंदे से भी हुई थी, जो मनसुख हिरेन की हत्या में वाजे के साथ एक सह आरोपी है। विस्फोटक से लदी एसयूवी हिरेन की थी।

आरोपी कांस्टेबल विनायक शिंदे पहले शर्मा के साथ काम कर चुके हैं और कथित तौर पर एनकाउंटर किंग के जरिए ही उनकी मुलाकात वाजे से हुई थी।

सूत्रों ने कहा कि क्राइम ब्रांच कार्यालय के बाहर सचिन वाजे और प्रदीप शर्मा के बीच एक और महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। ऐसी संभावना है कि यह बैठक मुंबई के पश्चिमी उपनगर इलाके में हुई थी।

इस तरह की बैठकों की एक सीरीज के बाद, वाजे को बाद में कई दिनों तक उनके कार्यालय में नहीं देखा गया था और अंत में 13 मार्च की रात को एनआईए द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

यह माना जाता है कि प्रदीप शर्मा और सचिन वाजे पुलिस विभाग में अपने शुरूआती दिनों से ही करीब थे। बाद में यह मुठभेड़ जोड़ी शिवसेना नेतृत्व के करीब आ गई। प्रदीप शर्मा से भी पहले वाजे शिवसेना में शामिल हुए थे। वाजे 2007 में शिवसेना में शामिल हुए थे और उन्हें पार्टी प्रवक्ता नियुक्त किया गया था।

2019 के अंत में जब महाराष्ट्र में शिवसेना सत्ता में आई, तो सचिन वाजे, जो वर्षों से निलंबित थे, उनकी 2020 में राज्य सरकार द्वारा सेवा बहाल कर दी गई थी।

प्रदीप शर्मा और क्राइम ब्रांच में उनके पूर्व सब-इंस्पेक्टर, सचिन वाजे दोनों ने दाऊद इब्राहिम गिरोह के दर्जनों शार्पशूटरों को मार गिराया था।

वाजे की ओर से पुलिस मुठभेड़ों में 63 बदमाशों को मारने का दावा किया जाता है, जबकि प्रदीप शर्मा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने 35 वर्ष के पुलिस कैरियर में 300 से अधिक अपराधियों को मौत की नींद सुला दिया था।

शर्मा को उनकी टीम के सदस्यों द्वारा ‘एनकाउंटर किंग’ के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने वांछित गैंगस्टर्स की सबसे अधिक संख्या में हत्या की है।

प्रदीप शर्मा के एनकाउंटर और उनके द्वारा निभाए गए विभिन्न ऑपरेशंस के आधार पर कई फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें ‘अब तक छप्पन’, ‘सत्या’, ‘कंपनी’ सहित अन्य फिल्में शामिल हैं।

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