पंजाब में अकाली दल से गठबंधन की भाजपा को चुकानी पड़ी थी भारी कीमत : हरदीप पुरी

पंजाब में अकाली दल से गठबंधन की भाजपा को चुकानी पड़ी थी भारी कीमत : हरदीप पुरी

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें ‘व्यक्तिगत रूप से’ लगता है कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन का भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। पंजाब के लिए भाजपा के चुनाव सह प्रभारी पुरी ने कहा, “यह मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अतीत में हमारे गठबंधन के चलते हमें कई तरह से भारी कीमत चुकानी थी। आज जो लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं, उससे लगता है कि हम पंजाब को विकास के तेज रास्ते पर ले जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि पहले 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में भाजपा 22-23 सीटों पर चुनाव लड़ती थी और पिछले विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब पार्टी के पास सिर्फ दो विधायक और पांच प्रतिशत वोट शेयर रह गया है।

उन्होंने दावा किया कि पंजाब में एक नई राजनीतिक स्थिति विकसित हो रही है और इसमें नए गठबंधन सहयोगियों और लोगों के पार्टी में शामिल होने से भाजपा ऊपर, और ऊपर जाएगी।

यहां पार्टी मुख्यालय में पुरी ने कहा, “जब हम गठबंधन में थे, भाजपा ने कभी भी 22-23 से अधिक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा, फिर भी हम अच्छी स्थिति में थे। इस बार हमने कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ गठबंधन किया है और लोग हमसे जुड़ रहे हैं। अब हम समान भागीदार हैं और यह हमारे लिए पंजाब में ऊपर उठने का एक अच्छा अवसर है। पांच कोने के मुकाबले में भाजपा का पंजाब में अच्छा प्रदर्शन होगा, क्योंकि पंजाब के कुछ नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं।”

भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ रही है। सीट बंटवारे के फार्मूले को तय करने के लिए तीनों दलों ने छह सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें तीन दलों के दो-दो शामिल हैं। तीन पार्टियां एक साझा घोषणापत्र भी बनाएंगी।

पंजाब में 14 फरवरी को मतदान और 10 मार्च को मतगणना होगी।

पुरी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस समय उन्होंने (यादव ने) कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन किया, हमारी सरकार ने मेट्रो चलाई है। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं को लागू करने में उत्तर प्रदेश नंबर एक है। एक कहावत है ‘सफलता के कई पिता होते हैं’ और अखिलेश हमारे काम का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।”

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