कर्नाटक में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना के खिलाफ निजी ट्रांसपोर्टरों का बंद का आह्वान

कर्नाटक में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना के खिलाफ निजी ट्रांसपोर्टरों का बंद का आह्वान

बेंगलुरु : उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि वह महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना के मामले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी से चर्चा करेंगे।

उनका आश्वासन 11 सितंबर को योजना के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए शहर में निजी परिवहन संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के मद्देनजर आया है।

निजी ट्रांसपोर्ट मालिकों का दावा है कि योजना लागू होने के बाद उनके कारोबार में भारी गिरावट आई है। ऑटो रिक्शा चालक, निजी टैक्सी चालक, स्कूल बस और कैब मालिक सहित लगभग 32 संगठन एक साथ आए हैं।

यूनियनों ने पहले कांग्रेस सरकार को कई मांगें सौंपी थीं। प्रमुख मांगों में प्रत्येक ड्राइवर को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता और बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध शामिल है।

पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि, कुछ जिलों में कोई सरकारी बसें नहीं हैं और केवल निजी बसें चलती हैं। “हम कुछ पता लगा लेंगे। हम जानते हैं कि लोग निजी परिवहन सुविधाओं का उपयोग नहीं कर रहे हैं। समाधान ढूंढ़ने की जरूरत है। मैं इस मामले पर सीएम से चर्चा करूंगा।“

शक्ति योजना सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की जाने वाली पहली गारंटी योजना थी। यह योजना राज्य भर में लग्‍जरी वाहनों को छोड़कर राज्य के स्वामित्व वाली बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करती है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि शक्ति योजना के तहत अब तक 48.5 करोड़ महिलाएं बसों में मुफ्त यात्रा कर चुकी हैं।

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