ईडी के छह समन पर बोले हेमंत सोरेन, ‘मैं बोरिया-बिस्तर समेटकर विदेश भागने वाला नहीं, देश कानून से चलता है’

ईडी के छह समन पर बोले हेमंत सोरेन, ‘मैं बोरिया-बिस्तर समेटकर विदेश भागने वाला नहीं, देश कानून से चलता है’

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की ओर से बार-बार भेजे गए समन के बारे में कहा है कि देश में कोई भी काम लोकतांत्रिक कानून व्यवस्था और तौर-तरीके से होगा। मैं डरने और भागने वाला नहीं हूं।

उन्होंने कहा कि क्या मैं ऐसा शख्स हूं कि बोरिया-बिस्तर समेटकर विदेश में बस जाऊंगा? ईडी के प्रकरण को पूरा देश देख रहा है। मैं इस मुद्दे को लेकर चिंतित नहीं हूं। विपक्ष की चुनौतियों से घबराने वाला नहीं हूं। हमारी सरकार बनने के चंद घंटों के बाद से इसे गिराने की कोशिशें शुरू हो गई थीं, लेकिन अब हमने भी उनसे नूरा-कुश्ती सीख ली है।

सोरेन अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर गुरुवार को अपने आवासीय परिसर में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, आने वाले दिनों की योजनाओं पर चर्चा की और अपनी सरकार के भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर जवाब भी दिए।

हेमंत सोरेन ने एक सवाल के जवाब में भाजपा के साथ भविष्य में किसी तरह के गठबंधन की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे लोग जिस तरह की राजनीति करते हैं, उसमें लगता है कि उनका लक्ष्य राजनीति नहीं खून-खराबा करना है। इंडिया अलांयस को 2024 का चुनाव किस चेहरे के साथ लड़ना चाहिए? इस सवाल पर सोरेन ने किसी नेता का नाम लेने के बजाय कहा कि लोकतंत्र का चेहरा जनता बनाती है और खुद अपना चेहरा चुन लेती है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य की उपेक्षा का आरोप एक बार फिर मढ़ा और कहा कि केंद्र के पास राज्य के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। अगर यह पैसा मिल जाता तो हम राज्य के लोगों को कई तरह की सहूलियत दे पाते। किसी भी राज्य का सर्वांगीण विकास केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के आपसी समन्वय से होता है परंतु मेरा मानना है कि केंद्र सरकार से जो सहयोग हमें मिलना चाहिए था, वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिला है। केंद्र सरकार से कम सहयोग मिलने के बावजूद सरकार ने कदम रोके नहीं बल्कि निरंतर आगे बढ़ते रहे।

सीएम ने कहा कि राज्य जब हमारी सरकार बनी थी, उसी वक्त देश-दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी। हमारी सरकार ने इस महामारी के दौरान बेहतर कार्य किया। गरीबों, मजदूरों, किसानों सहित सभी को सुरक्षा प्रदान करते हुए चुनौतियों का डटकर सामना किया। महामारी की चपेट में आकर हमारे मंत्रिमंडल के दो मंत्री भी शहीद हुए। महामारी से उबरते ही हमारी सरकार ने वादों के अनुरूप राज्य को एक नई दिशा देने का प्रयास निरंतर जारी रखा है।

उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पुरानी पेंशन योजना लागू हुई है। सर्वजन पेंशन योजना लागू करने वाला पहला राज्य भी झारखंड ही है। राज्य में 60 वर्ष से ऊपर सभी बुजुर्ग महिला-पुरुष, विधवा और दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा से जोड़ा गया है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कर्मियों सहित कई वर्ग के अनुबंधकर्मियों की पुरानी मांगों को पूरा किया है।

उन्होंने अपनी सरकार को झारखंडियों की सरकार बताते हुए कहा, “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अभियान रहा है। इस अभियान के जरिए हम विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे हैं।

सोरेन ने कहा, “हमारा संकल्प है कि हम झारखंड के गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर राज्य के माथे पर जो पिछड़ेपन का टैग लगा है, उसे हटाने में जरूर कामयाब होंगे। पिछले 20 वर्षों में इस राज्य को पूर्व सरकारों से जितनी अपेक्षाएं थी, उसके मुताबिक पूर्ववर्ती सरकारें बिल्कुल खरी नहीं उतर पाईं।”

सीएम ने राज्य में किसानों की ऋण माफी, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सरकारी उपक्रमों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति, प्रत्येक विभागों की नियुक्ति नियमावली बनाने, उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन, बेहतर उद्योग नीति के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियां गिनाईं।

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