अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों की राजनीतिक, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं, पड़ रहे कानूनी छापे

अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों की राजनीतिक, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं, पड़ रहे कानूनी छापे

चेन्नई,| तमिलनाडु में विपक्षी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) यानी अन्नाद्रमुक पार्टी दो वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों के आवासों और परिसरों पर लगातार छापेमारी के बाद बैकफुट पर है। अन्नाद्रमुक के दो नेताओं ने कहा है कि पार्टी इन राजनीतिक रूप से प्रेरित छापों का सामना करेगी। अन्नाद्रमुक ने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा पूर्व मंत्री और पार्टी नेता एस.पी. वेलुमणि के परिसरों पर की गई छापेमारी की निंदा की।

अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम और सह-समन्वयक एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) सरकार अन्नाद्रमुक के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और चेतावनी दी कि पार्टी इस तरह की कार्रवाइयों से नहीं डरेगी।

अन्नाद्रमुक के दोनों नेताओं ने कहा कि द्रमुक सरकार को कोविड-19 महामारी के बीच लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वह अन्नाद्रमुक नेताओं को निशाना बना रही है और राजनीतिक प्रतिशोध में लिप्त है।

उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने से पहले पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में रहे मंत्रियों के खिलाफ आरोप लगाना अनुचित है। पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी अपने नेताओं के खिलाफ इन मनगढ़ंत मामलों से लड़ेगी और ऐसे चुनौतीपूर्ण कोविड समय के दौरान तमिलनाडु के लोगों की सेवा करने में सबसे आगे रहेगी।

डीवीएसी ने 22 जुलाई को पूर्व परिवहन मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता एम.आर. विजयभास्कर के आवास और परिसरों पर छापेमारी की थी। अन्नाद्रमुक नेता एस.पी. वेलुमणि के आवास और कार्यालय परिसर में छापेमारी के बाद अन्नाद्रमुक ने कहा कि उन्हें पहले से पता था कि द्रमुक सरकार विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ छापेमारी और जांचों की श्रृंखला शुरू करेगी।

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