नई दिल्ली : भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाते हुए गुरुवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ जल बोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन कर आम आदमी पार्टी सरकार पर जोरदार हमला बोला।
दिल्ली भाजपा ने पिछले रविवार को ही दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड में 2021-22 में हुए एसटीपी घोटाले को सार्वजनिक किया था। दिल्ली जल बोर्ड में इसी एसटीपी घोटाले को लेकर भाजपा के दिल्ली प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा जब शराब घोटाले को लेकर बार-बार सवाल कर रही थी तो अरविंद केजरीवाल इसे झूठा बता रहे थे लेकिन आज मनीष सिसोदिया जेल के अंदर है और घोटाला उजागर हो गया। उन्होंने जल बोर्ड को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि जल बोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से बड़ा घोटाला है। 15 दिन पहले कुछ दस्तावेज के आधार पर उन्होंने 3,753 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था और आज भी वह उस पर कायम हैं।
सचदेवा ने कहा कि 1,200 करोड़ रुपए के टेंडर को 1,546 करोड़ रुपए में लगाया गया और फिर उसे 1,938 करोड़ रुपए कर दिया गया। इस तरह से जल बोर्ड को लूटने का काम केजरीवाल सरकार ने किया। ये सारी बातें बताती है कि केजरीवाल की राजनीति झूठ, धोखा, फरेब और लूट की राजनीति है, जिसे दिल्ली की जनता एक दिन उखाड़ कर फेंकेगी।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा की संघर्ष का नतीजा है कि पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी हिली हुई है और अब वह समय आ गया है जब भाजपा इस भ्रष्टाचार के अड्डे को समाप्त करेगी।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड एक समय था जब 700 करोड़ रुपए के मुनाफे में था लेकिन आज 70,000 करोड़ रुपए के घाटे में हैं। पिछले आठ सालों से सीएजी द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल को बार-बार चिट्ठी लिखने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने जल बोर्ड के खाते की जांच तक नहीं करवाई।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा डायरेक्शन दिया गया है कि उसके खाते की जांच हो। केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए फैसला किया था कि पानी का बिल जल बोर्ड को जमा ना करके लोग इसे एक कंपनी को जमा करेंगे और सैकड़ों करोड़ रुपए जमा होने के बाद उस कंपनी के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन पैसों को लूटा, जिसकी जांच आज सीबीआई द्वारा की जा रही है।
बिधूड़ी ने कहा कि आज अपने दोष को छिपाने के लिए केजरीवाल के मंत्री, अधिकारियों को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं, जो कि सरासर झूठ है। अगर अधिकारी दोषी सिद्ध हो गए तो वे अपना इस्तीफा दे देंगे।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2022 को हुए जल बोर्ड की बैठक में उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और अन्य दो विधायकों ने यह फैसला लिया और एक बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया। यह इत्तेफाक है कि इस घोटाले के खुलने से पहले ही सौरभ भारद्वाज का विभाग बदल दिया गया, लेकिन विभाग बदलने से सौरभ भारद्वाज दोष मुक्त नहीं हो सकते बल्कि उन्हें इसके लिए सजा मिलनी चाहिए।