नई दिल्ली, | कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही गुटबाजी पर पार्टी अलाकमान द्वारा गठित पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद राज्य कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। इस समय पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष सुनील जाखड़ हैं। सूत्रों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी का नाम पार्टी के नए पंजाब प्रमुख पद की दौड़ में सबसे आगे हैं, जबकि विजय इंदर सिंगला और राजकुमार वेरका के नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
तिवारी दिल्ली और पंजाब के राजनीतिक हलकों में एक जाना माना चेहरा हैं और उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा, उन्हें राज्य में गैर-सिख मतदाताओं को लुभाने के लिए नियुक्त किया जा सकता है, क्योंकि वह लुधियाना से सांसद रहे हैं, जहां बड़ी संख्या में गैर-सिख और प्रवासी मतदाता हैं।
एआईसीसी सचिव विजय इंदर सिंगला पंजाब सरकार में मंत्री हैं, जिन्हें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से करीबी रिश्ता रखने के लिए जाना जाता है।
राजकुमार वेरका वाल्मीकि समुदाय के दलित नेता हैं। वेरका अमृतसर से विधायक हैं और अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
उधर, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन किया है। इसलिए पंजाब कांग्रेस में वेरका के शीर्ष पद पर पहुंचने की संभावना तेज हो गई है।
इस बीच, पंजाब के पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए राहुल गांधी से मुलाकात की है।
सूत्रों ने कहा कि पैनल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने की सिफारिश नहीं की है, जिनके अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने की संभावना है। पैनल ने पार्टी की राज्य इकाई में कई सुधारों का सुझाव दिया है।
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू का भाग्य अभी भी स्पष्ट नहीं है। सूत्रों ने कहा कि पैनल उन्हें पंजाब कैबिनेट में वापस चाहता है। अमरिंदर सिंह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ हैं, लेकिन वह उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जे.पी. अग्रवाल की अध्यक्षता वाले पैनल ने हाल ही में सभी हितधारकों से मुलाकात की। अमरिंदर सिंह ने भी राष्ट्रीय राजधानी में तीन सदस्यीय पैनल से मुलाकात की थी।