भारत के ‘पड़ोसी पहले’ की नीति में नेपाल का विशेष स्थान: विदेश सचिव

भारत के ‘पड़ोसी पहले’ की नीति में नेपाल का विशेष स्थान: विदेश सचिव

नई दिल्ली : विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि नेपाल भारत की पड़ोसी पहले नीति में एक बहुत ही विशेष स्थान रखता है। नेपाल के साथ भारत का संबंध अद्वितीय है और खुली सीमाएं तथा सभ्यतागत संबंध इसकी विशेषता हैं। विदेश सचिव ने पीएम मोदी और भारत के दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच मुलाकात के संबंध में पत्रकारों को जानकारी देते हुए यह बात कही।

क्वात्रा ने कहा, नेपाल के साथ हमारा संबंध अद्वितीय है। खुली सीमाएं और सभ्यतागत संबंध इसकी विशेषता हैं जो हमारी साझा सांस्कृतिक तथा धार्मिक परंपराओं में निहित हैं। ये दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों और यहां तक कि रिश्तेदारी में परिलक्षित होते हैं।

विदेश सचिव ने आगे कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत दोनों देशों के बीच पारंपरिक गर्मजोशी और सौहाद्र्र की विशेषता है।

उन्होंने आगे कहा, दोनों नेताओं के बीच काफी व्यापक और रचनात्मक तथा भविष्योन्मुखी चर्चा हुई। इसमें भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को रचनात्मक, प्रगतिशील और दोनों समाजों के लिए फायदेमंद तरीके से आगे ले जाने पर बात हुई।

पिछले साल दिसंबर में कार्यभार संभालने के बाद से दहल की यह पहली विदेश यात्रा है। वह 31 मई से 3 जून तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह उनकी भारत की चौथी यात्रा है।

क्वात्रा ने आगे कहा कि चर्चा और परिणामों में राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा सहयोग और विकास साझेदारी सहित द्विपक्षीय सहयोग के पूरे स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रचंड के साथ मोदी की मुलाकात के दौरान अग्निवीर मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। क्वात्रा ने गोरखाओं के अग्निवीर योजना में शामिल नहीं होने के बारे में एक सवाल के जवाब में यह बात कही।

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