62 देशों ने चीन के मानवाधिकार विकास पथ का समर्थन किया

62 देशों ने चीन के मानवाधिकार विकास पथ का समर्थन किया

बीजिंग : 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में 21 अक्टूबर को मानवाधिकार मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। क्यूबा के प्रतिनिधि ने 62 देशों का प्रतिनिधित्व कर संयुक्त भाषण देते हुए चीन की अपनी राष्ट्रीय स्थिति के अनुसार मानवाधिकार विकास पथ का समर्थन किया और मानवाधिकार मुद्दे का उपयोग कर चीन के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने का विरोध किया। संयुक्त भाषण में बल देते हुए कहा गया कि विभिन्न देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करना और संप्रभु देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मूल मानदंड हैं। हांगकांग, शिनच्यांग, तिब्बत से संबंधित मामला चीन का आंतरिक मामला ही है, जिसमें बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। संयुक्त भाषण में हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में ‘एक देश दो व्यवस्थाओं’ के कार्यान्वयन का समर्थन भी व्यक्त किया गया।

संयुक्त भाषण ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करने, सार्वभौमिकता, निष्पक्षता, और गैर-चयनात्मकता के सिद्धांतों का पालन करने, सभी देशों के लोगों द्वारा अपनी राष्ट्रीय स्थिति के अनुसार चुने गए मानवाधिकार विकास पथ का सम्मान करने तथा विभिन्न मानवाधिकारों को समान रूप से महत्व देने का आह्वान किया। इसके साथ ही संयुक्त भाषण ने बहुपक्षवाद, एकजुटता और सहयोग पर कायम रहने, रचनात्मक संवाद और सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने की अपील की। इसके साथ ही मानवाधिकार मुद्दों के राजनीतिकरण और दोहरे मानकों का विरोध किया गया, राजनीतिक इरादे से झूठी सूचनाओं के आधार पर चीन के खिलाफ बेवजह आरोप लगाने और मानवाधिकार को बहाना बनाकर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध किया गया।

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