म्यांमार की सत्ता छोड़े सेना, लोकतंत्र में कोई संदेह नहीं हो सकता: बाइडन

म्यांमार की सत्ता छोड़े सेना, लोकतंत्र में कोई संदेह नहीं हो सकता: बाइडन

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि तख्तापलट करके म्यांमा की सेना ने जो सत्ता हासिल की है, वह उसे छोड़ दे। म्यांमा की सेना तख्तापलट करके सत्ता में काबिज हो गई तथा उसने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, राष्ट्रपति यू विन मिंत और देश के अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया। सू ची को कहां रखा गया है, इस बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 

विदेश विभाग के मुख्यालय में बाइडन ने कहा, बर्मा की सेना ने जिस सत्ता पर कब्जा किया है उसे वह छोड़ देनी चाहिए। जिन वकीलों, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें भी छोड़ा जाए, संचार-संवाद पर लगी पाबंदियों को हटाया जाए तथा हिंसा से बचा जाए। उन्होंने कहा, मैंने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि हम लोकतंत्र की बहाली, कानून का शासन कायम करने तथा जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की खातिर अपने साझेदारों के साथ मिलकर काम करेंगे। बाइडन ने कहा कि म्यांमा में तख्तापलट के मामले पर बीते कुछ दिन से उनका प्रशासन सहयोगियों और साझेदारों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि इसका समाधान निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ लाया जा सके। 

उन्होंने कहा, मैं रिपब्लिकन नेता मिच मैककॉनेल के साथ संपर्क में हूं, हमने बर्मा में हालात पर साझा चिंताओं पर चर्चा की है और अपने संकल्प को लेकर हम एकजुट हैं। लोकतंत्र में कोई संदेह नहीं हो सकता, ताकत के बल पर जनता की इच्छाशक्ति को कभी खारिज नहीं करना चाहिए और न ही एक भरोसेमंद चुनाव के निष्कर्ष को खत्म करने के प्रयास करने चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि म्यांमा के विषय में एक द्विपक्षीय सहमति है। प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी और मैककॉनेल ने म्यांमा पर पाबंदियां लगाने की मांग की है। मैककॉनेल ने कहा, सेना के कुछ बड़े अधिकारियों पर पहले ही पाबंदियां लगी है। कांग्रेस ने अधिकारियों को वहां की सेना पर और पाबंदियां लगाने की मंजूरी भी दे दी है।

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