भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में बीच घमासान मचा है। OBC सीटों को लेकर पंचायत चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के लिए भाजपा कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं, कांग्रेस भी कह रही है भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण को लेकर सही तरीके से पक्ष नहीं रख सकी। इसी वजह से चुनाव पर रोक लगी है।
भाजपा के आरोपों पर वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता विवेक तनखा ने अधिवक्ता शशांक शेखर के हवाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि “मैंने अधिवक्ता शशांक शेखरजी द्वारा 10 करोड़ रुपये का मानहानि, अन्य सिविल, क्रिमनल कार्यवाही का नोटिस शिवराज सिंह चौहान, विष्णुदत्त शर्मा, भूपेंद्र सिंह को भेजा है। यदि तीन दिन में ये लोग स्थिति स्पष्ट नहीं करते उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। कोर्ट कार्यवाही के संबंध में झूठ बोलना, असत्य के आधार पर झूठी मुहिम चलाना जघन्य अपराध है। मेरी चुनोती है कि वे मुझे झूठा सिद्ध करें और खुद को सच्चा। देश बीजेपी की “ट्रोलआर्मी” के झूठ से तंग आ चुका है। झूठे दुष्प्रचार के असहनीय होने के कारण मैंने यह कदम उठाया है।”
सीएम ने कुछ कहा ही नहीं, उन्हें नोटिस दे दिया
तनखा के नोटिस पर प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने क्या गलत कहा, यह तो बताए। सीएम ने कुछ कहा ही नहीं, उन्हें नोटिस दे दिया। अपनी गलती को छिपाने के लिए यह सब कर रहे हैं। अदालत में आप गए, इस वजह से यह विषय आया। आपको जनता की अदालत में जाना था, वहां से जीतकर आना था। पर कांग्रेस को पता था कि वह जीत नहीं सकती। इसी वजह से कांग्रेस के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अदालत में गए और यह आदेश आया।