भोपाल: सूदखोरी खा गई पूरा परिवार, सबसे अंत में व्यापारी की पत्नी ने भी दम तोड़ा

भोपाल: सूदखोरी खा गई पूरा परिवार, सबसे अंत में व्यापारी की पत्नी ने भी दम तोड़ा

भोपाल। भोपाल में सूदखोरों से तंग आकर जहर खाने वाले ऑटो पार्ट्स व्यापारी का परिवार चार दिन में खत्म हो गया। पहले दो दोनों बेटियां, सास और पति की मौत के बाद सोमवार सुबह अर्चना की मौत हो गई। इसके साथ ही एक हंसते-खेलते परिवार का अंत हो गया। मरने के पहले सिर्फ परिवार के मुखिया और व्यापारी संजीव जोशी और उनकी पत्नी अर्चना के ही बयान हो सके।

इसी आधार पर पुलिस सूदखोर गैंग की सरगना बबली दुबे उसकी बेटी रानी दुबे, सगी बहनें उर्मिला खांबरा, प्रमिला बेलदार को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इधर 7 और नाम सामने आए हैं। यह वह नाम हैं, जिनसे अर्चना ने उधार लिया था। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया का कहना है कि अर्चना और संजीव ने 5 से 7 और लोगों से उधार लिया था, लेकिन उनके द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात बयानों में नहीं कही।

अब तक सिर्फ बबली, रानी, उर्मिला और प्रमिला द्वारा ही प्रताड़ित किए जाने की बात बयानों और सुसाइड नोट में है। हम सभी बिंदुओं और परिवार से जुड़े लोगों के बयान ले रहे हैं। इससे पहले शनिवार को सुबह उनकी बड़ी बेटी ग्रीष्मा की मौत हो गई थी, जबकि शुक्रवार को उनकी छोटी बेटी पूर्वी, मां नंदनी जिंदगी की जंग हार चुकी हैं।

सामाजिक बदनामी होने लगी थी
संजीव ने मरने से पुलिस को बताया कि उसे पहले पता नहीं था कि अर्चना ने किसी से उधार लिया है। अचानक अर्चना के रुपयों की डिमांड ज्यादा करने और बबली के साथ कुछ महिलाओं को घर आना-जाना ज्यादा हो गया। सितंबर में अर्चना ने बताया कि कि उसने बच्चों की पढ़ाई और अन्य खर्चों के लिए कई किस्तों में बबली से उधार लिया है। अक्टूबर में उन्होंने 80 हजार रुपए बबली को दिए थे। इसके बाद वे भी घर आकर गाली-गलौज करने लगी थीं।

पिछले मंगलवार को जब संजीव रात आठ बजे घर पहुंचे, तो दोनों बेटियां, मां और पत्नी अर्चना रो रहे थीं। बबली, रानी, अशोका गार्डन की बबली गौड़ और पटेल नगर की उर्मिला ने घर पर आकर पैसों की मांग को लेकर गालियां दी थीं। वे घर के बाहर मोहल्ले में भी चिल्ला-चिल्लाकर बदनाम कर रही थीं। संजीव और उनका परिवार रोज-रोज की गाली-गलौज से तंग आ चुके थे। इससे उनकी समाज में बदनामी होने लगी थी।

पुलिस लगा रही पैसों का हिसाब
पुलिस अब संजीव के परिवार द्वारा लिए गए उधार का हिसाब-किताब लगी रही है। संजीव के नाम पर एक मकान, तीन प्लाट और दो दुकानें थीं। इसके बाद वे भी वे कर्जा नहीं चुका पाए। ऐसे में पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उन पर कुल कितना कर्ज हो गया था कि वे उसे चुका नहीं पाए।

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