दिल्ली हिंसा मामले में राकेश टिकैत व दर्शन पाल समेत 40 किसान नेताओं के खिलाफ FIR

दिल्ली हिंसा मामले में राकेश टिकैत व दर्शन पाल समेत 40 किसान नेताओं के खिलाफ FIR

नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को हुई हिंसा के बाद पुलिस सख्त हो गई है। उपद्रव करने के मामले में पुलिस ने अब तक 35 एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में 30 और एफआइआर दर्ज होने की संभावना है। उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में किसान नेता राकेश टिकैत, बलजीत सिंह रजवाल, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर उमराह, योगेंद्र यादव, गौतम सिंह चढूनी, सरवन सिंह पंधेर और सतनाम पन्नू समेत कई लोगों के नाम प्रमुख रुप से शामिल हैं। इन सभी किसान नेताओं पर ट्रैक्टर परेड के लिए तय किए गए नियम व शर्तों के उल्लंघन का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, जितने किसान नेताओं की परेड निकालने को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग हुई थी। उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है।

नांगलोई थाने में 40 किसान नेताओं के खिलाफ केस दर्ज
दिल्ली के नांगलोई थाने में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी एफआईआर में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे। इसी एफआईआर में योगेंद्र यादव का भी नाम है। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया है। नांगलोई पुलिस ने एफआईआर में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई में पुलिस से आंसू गैस के करीब 150 गोले भी छीन ले गए थे।

पूर्वी दिल्ली में भी उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज
वहीं पूर्वी दिल्ली ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव में गाजीपुर थाने में तीन और पांडव नगर में एक एफआईआर दर्ज हुई है। गाजीपुर थाने में जिन उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज हुई है, उनमें किसान नेता राकेश टिकैत का नाम भी शामिल हैं। राकेश टिकैत के खिलाफ हत्या का प्रयास, दंगा, पुलिस पर हमला, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराएं लगाई गई है। उधर, पूर्वी जिले में उपद्रव में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या 41 हो गई है।
वहीं, किसान आंदोलन से जुड़े स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि मंगलवार को लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ है। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने देश के हर नागरिक को शर्मसार किया है। जो लोग तिरंगे के अपमान के दोषी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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