टोक्यो पैरालिंपिक में भारत को दूसरा गोल्ड: सुमित अंतिल ने जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ जीता गोल्ड

टोक्यो पैरालिंपिक में भारत को दूसरा गोल्ड: सुमित अंतिल ने जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ जीता गोल्ड

टोक्यो। टोक्यो पैरालिंपिक में सोमवार को भारतीय एथलीट्स ने धमाल मचा दिया है। शूटर अवनि लेखरा के बाद जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने भारत को एक और गोल्ड मेडल दिलाया है। उन्होंने F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ मेडल जीता।

सोनीपत के सुमित का सफर कठिनाइयों भरा रहा है। 6 साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। पैरालिंपिक 2020 में जेवलिन थ्रो में भारत का यह तीसरा मेडल है।

भारत ने पैरालिंपिक गेम्स में अब तक 2 गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज समेत 7 मेडल जीते हैं। यह भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालिंपिक बन गया है। इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में भारत ने 4-4 मेडल जीते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी एथलीट्स को बधाई भी दी है।

सुमित ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ डाला
सुमित ने पैरालिंपिक में अपने ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा है। उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर दूर भाला फेंका। सुमित ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और 5वें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया, जो कि नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। उनका तीसरा और चौथा थ्रो 65.27 मीटर और 66.71 मीटर का रहा था। जबकि छठा थ्रो फाउल रहा।

सोमवार को भारत ने 5 मेडल जीते
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन शानदार रहा। सुंमित से पहले अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता। 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया। वहीं देवेंद्र झाझरिया ने जेवलिन और योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाया। इसके अलावा सुंदर सिंह गुर्जर ने जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

वहीं रविवार को डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज जीतने वाले विनोद कुमार से आज मेडल छीन लिया गया। रविवार को रिजल्ट को होल्ड पर रखा गया था। कुछ देशों ने उनकी क्लासिफिकेशन कैटेगरी को लेकर आपत्ति जताई थी। भारत के मिशन प्रमुख (Chef de Mission) गुरशरन सिंह ने कहा कि ऑर्गेनाइजर्स ने विनोद को उनकी क्लासिफिकेशन कैटेगरी में योग्य नहीं पाया।

विनोद ने F52 कैटेगरी में हिस्सा लिया था
41 साल के विनोद ने F52 कैटेगरी में पैरालिंपिक में हिस्सा लिया था। इस कैटेगरी में उन एथलीट्स को शामिल किया जाता है, जिनकी मांसपेशियों में कमजोरी होती है। अंग की कमी, पैर की लंबाई असमान होती है। ऐसे खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेते हैं।

गुरशरन ने कहा कि ऑर्गेनाइजर्स ने मेडल वापस लेते हुए कहा कि विनोद का शरीर इस कैटेगरी से ज्यादा मजबूत है। टेक्नीकल कमेटी ने उन्हें ”क्लासिफिकेशन नॉट कम्प्लीटेड” (CNC) कैटेगरी में रखा है। इस वजह से विनोद का परफॉर्मेंस फाइनल से हटा दिया गया है।

इससे पहले 22 अगस्त को भी उनकी जांच हुई थी। हालांकि, तब ऑर्गेनाइजर्स ने कहा था कि इवेंट के दौरान ही उनकी विशेष तौर पर जांच की जाएगी। तब विनोद को खेलने की इजाजत दे दी गई थी। विनोद ने फाइनल में 19.91 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website