अलवर: प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। इसका एक उदाहरण पेश किया है अलवर की रवीना ने। घर में बिजली कनेक्शन नहीं है। पिता का हाथ सिर से उठ चुका, इसलिए परिवार की मदद करने के लिए दिन में बकरियां चराती हैं और रात में मोबाइल की रोशनी में पढ़ाई करती हैं।
रवीना ने 12वीं बोर्ड आर्ट्स में 93% मार्क्स लाकर दो ब्लॉक में टॉप किया है। वे अलवर जिले के नारायणपुर कस्बे के पास गांव गढ़ी मामोड़ की रहने वाली हैं।गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 17 साल की रवीना गुर्जर के पिता रमेश की 12 साल पहले सांप के डसने से मौत हो गई थी। मां विद्या देवी के हार्ट के दोनों वॉल्व खराब हैं। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ऑपरेशन करा चुकी हैं। वह झोपड़ी में रहती हैं। घर में बिजली कनेक्शन नहीं था। रवीना घर के काम के साथ छोटे भाई-बहनों को संभालती है। इसके बाद बकरियां चराती है। दिन में सारे काम निपटाती और रात में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में 3 घंटे पढ़ाई करती।