मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उन पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाने वाले बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे को सरकारी गवाह बनने की मंजूरी सीबीआई ने दे दी है। वझे फिलहाल एंटीलिया विस्फोटक बरामदगी केस और मनसुख हिरेन हत्याकांड का मुख्य अरोपी है। सरकारी गवाह बनने की अर्जी वझे ने ही दी थी, इसे एक बड़ी राहत के रूप में भी देखा जा रहा है।सचिन वझे के हवाले से मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने वझे को मुंबई के बार से 100 करोड़ वसूलने का टारगेट दिया था। अदालत ने वझे के सामने माफी के लिए शर्त रखी थी कि उसे सरकारी गवाह बनना होगा और केस से जुड़े खुलासे करने होंगे। इसे वझे ने स्वीकार कर लिया। सरकारी गवाह बनने की मांग करते हुए वझे ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के पहले और बाद में भी सीबीआई का सहयोग किया है।
सीबीआई ने इस मामले में 4 अप्रैल 2021 को सचिन वझे को जेल में रहने के दौरान गिरफ्तार किया था। वझे ने बुधवार को अपने वकील रौनक नाईक के माध्यम से सीआरपीसी की धारा 306 के तहत क्षमा के लिए आवेदन दिया। उसने सीबीआई द्वारा की गई पूछताछ के दौरान कहा था कि वह स्वेच्छा से कबूलनामा करना चाहता है। इसके बाद उसे एक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज किया गया। यह सबूत ट्रायल के समय बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।