पुणे: महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में 11 साल बाद शुक्रवार (10 मई) को कोर्ट का फैसला आया है। पुणे में CBI की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कलस्कर को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
हत्याकांड का मास्टरमाइंड माने जा रहे डॉक्टर विरेंद्र सिंह तावड़े के अलावा विक्रम भावे और संजीव पुनालेकर को कोर्ट ने बरी कर दिया है। हत्याकांड में कुल 5 आरोपी थे। इनमें तावड़े, अंदुरे और कलस्कर जेल में हैं, जबकि पुनालेकर और भावे जमानत पर बाहर हैं।
वीरेंद्र तावड़े पर दाभोलकर की हत्या की साजिश रचने का आरोप था। हालांकि, सरकारी पक्ष की ओर से उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं किया जा सका। तावड़े के अलावा अन्य दो आरोपियों के खिलाफ भी आरोप साबित नहीं हो सके।