सोनाली बेंद्रे ने बताया कि 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में ब्यूटी स्टैंडर्ड की अलग परिभाषा थी। जब वे इंडस्ट्री में आई थीं, तब बहुत ज्यादा दुबली थीं। उस वक्त जीरो फिगर का चलन नहीं था। ऐसे में डायरेक्टर उनसे वजन बढ़ाने के लिए कहते थे। उस वक्त सीधे बालों के बजाए कर्ली बालों वाली एक्ट्रेसेस का ज्यादा बोलबाला था।